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भूमि विकास बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों को 30 जून तक मिलेगा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ
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किसानों को दी बड़ी राहत...
जयपुर। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने किसानों बड़ी राहत देते हुए दीर्घ कालीन कृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना की अवधि को 31 मार्च,2020 से बढ़ाकर 30 जून,2020 कर दिया गया है। अब समय पर ऋण का चुकारा करने वाले काश्तकारों को 6.65 प्रतिशत ब्याज दर से कृषि ऋण मिल पाएगा।
’30 जून तक मिलेगा लाभ’
सहकारिता मंत्री आंजना ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते देश भर में लॉकडाउन चल रहा हैं ,जिसके कारण किसानों को योजना का पूरा लाभ नही मिल पा रहा था । उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में अवगत कराया गया था,जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने तुरंत ही योजना की अवधि को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून तक करने की अनुमति प्रदान कर दी हैं। उन्होंने बताया कि योजना 1 अप्रेल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि में ऋण लेने वाले सभी किसानों पर लागू थीं,जिसे अब तीन माह के लिए बढ़ाया गया हैं ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल पाये ।
उन्होंने बताया कि दीर्घ कालीन कृषि ऋण 11.65 प्रतिशत की ब्याज दर पर देय होता है तथा समय पर ऋण चुकता करने वाले कृषकों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देकर उन्हें राहत प्रदान की गई है। श्री आंजना ने बताया कि यह योजना सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घ कालीन अवधि के लिए लेने वाले ऋणों पर लागू होगी। उन्होंने बताया कि यह ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर से सबसे कम है।
सहकारिता रजिस्ट्रार नरेश पाल गंगवार ने बताया कि किसानों को कृषि कायोर्ं के लिए ऋण की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, लेकिन ब्याज दर सर्वाधिक होने के कारण किसान को ब्याज चुकाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था और कृषि कायोर्ं में रूकावट भी पैदा होती थी। सरकार के इस निर्णय से 30 जून तक सहकारी भूमि विकास बैंकों के ऋणों का चुकारा करने वाले सभी किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।
दीर्घ कालीन अवधि के लिए ले सकते हैं ऋण
गंगवार ने बताया कि किसान लघु सिंचाई के कार्य जैसे नवकूप/नलकूप, कूप गहरा करने, पम्पसैट, फव्वारा/ड्रिप सिंचाई, विद्युतीकरण, नाली निर्माण, डिग्गी/हौज निर्माण तथा कृषि यंत्रीकरण के कार्य जैसे ट्रेक्टर, कृषि यंत्रादि, थे्रसर, कम्बाईन हार्वेस्टर आदि को क्रय करने के लिए दीर्घ कालीन अवधि के लिए ऋण ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि डेयरी, भूमि सुधार, भूमि समतलीकरण, कृषि भूमि क्रय, अनाज/प्याज गोदाम निर्माण, ग्रीन हाउस, कृषि कार्य हेतु सोलर प्लांट, कृषि योग्य भूमि की तारबंदी/बाउण्ड्रीवाल, पशुपालन, वर्मी कम्पोस्ट, भेड़/बकरी/सुअर/मुर्गी पालन, उद्यानीकरण, ऊंट/बैल गाड़ी क्रय जैसी कृषि संबद्ध गतिविधियों हेतु लिए गए दीर्घ कालीन ऋण भी इस योजना में कवर होंगे।
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