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अनूठी है आदिवासी शिल्प और संस्कृति : महापौर

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जयपुर। सी स्कीम स्थित के के स्क्वायर मॉल में "आदि बाज़ार" का विधिवत उद्घाटन जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने किया। आदि बाजार में 15 अक्टूबर तक आदिवासी शिल्प, संस्कृति और वाणिज्य की भावनाओं का उत्सव होगा। महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार का उपक्रम है। ट्राइफेड का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज के कारीगरों में आजीविका पैदा करने, उनकी आय बढ़ाने तथा उनके उत्पादों का विपणन विकास के माध्यम से जनजातीय कारीगरों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। आरएसवीपी के रीजनल मैनेजर संदीप शर्मा ने बताया कि ट्राइफेड की विपणन पहल के रूप में क्षेत्रीय कार्यालय  जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल जनजातीय उत्सव "आदि बाजार” का आयोजन आठ दिनों की अवधि के लिए कर रहा है।  यह "आदि बाज़ार" मेला 30 जनजातीय स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और वन धन विकास केंद्रों द्वारा मूल्यवर्धित ऑर्गैनिक उत्पादों को बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मूल्यवान स्थान प्रदान करता है। इसम

जिला प्रशासन की अभिनव पहल, ग्यारह दिन में 861 वरिष्ठ नागरिकों ने शेयर की अपनी समस्या, तत्काल मिला समाधान

वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरु की गई हेल्पलाईन “शेयरिंग-केयरिंग“ नंबर  : 7428518030


जयपुर। जिला प्रशासन एवं जे.के.लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरु की गई हेल्पलाईन “शेयरिंग-केयरिंग“7428518030 लॉकडाउन की अवधि में वरिष्ठ नागरिकों का सहारा बन रही है यह हेल्पलाईन हाल ही में बुजुर्गो के लिए चिकित्सा, किराना सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी।


इस हेल्पलाईन पर हर रोज औसतन 80 से अधिक कॉल आ रही है, 60 वर्ष से लेकर 97 वर्ष तक की उम्र के बुजुर्ग भोजन,आवास दवाईयां,राशन से संबंधित समस्याओं को लेकर फोन कर रहे है। 20 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों ने लॉकडाउन पीरियड में अपने बच्चों की ओर से  देखभाल न किये जाने की बात कही जबकी करीब 25 प्रतिशत बुजुर्ग ऎसे है जिनके बच्चे इस समय उनसे दूर है जिसके चलते उनकी परेशानियां बढ़ती जा रही है, इन कॉलर्स में करीब 20 प्रतिशत ऎसे बुजुर्ग है जो अकेलेपन से परेशान है, डिप्रेशन में है, ये आकड़े जिला प्रशासन एवं जे.के.लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयासाें से वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए शुरु की गई हेल्पलाईन “शेयरिंग-केयरिंग“ के जरिए निकलकर सामने आए, जिला प्रशासन द्वारा शुरु की गई इस अभिनव पहल से वरिष्ठ नागरिकों को न केवल आवश्यकता की वस्तुएं जैसे दवाईयां, राशन,भोजन आदि पहुचायां जा रहा है बल्कि बहुत से वरिष्ठ नागरिकों को मनोवैज्ञानिक तरीके से काउंसिल कर उनकी समस्या का भी समाधान किया जा रहा है।


बजुर्गो की समस्याओं को सुनने के बाद इसकी सत्यता को प्रमाणित कर जिला प्रशासन एवं विभिन्न माध्यम से सहायता की जा रही है।


राउन्ड द क्लॉक कार्य कर रही है 12 सदस्यीय टीम

 

हेल्पलाईन के समन्वयक डा.उमेश गुप्ता ने बताया की जेकेएलयू की 12 सदस्यीय टीम 24 घण्टे अलग-अलग शिफ्ट में कार्य कर रही है, इनमें से एक टीम “कॉल टीम“ है जो हेल्पलाईन नंबर पर कॉल प्राप्त करती है वरिष्ठ नागरिकों के साथ संवाद स्थापित कर काउसलिग कर रही है दूसरी टीम “सेवा प्रदाता टीम“ आवश्यक सेवा प्रदान करने के लिए समस्या का समाधान करने के लिए संबंधित सेवा प्रदाता से संपर्क करती है और डाटाबेस तैयार करती है।

 

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