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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

कोरोना ने लगाए 'अन्न' पर 'ब्रेक' ! 

- भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) नई फर्मों के रजिस्ट्रेशन में कर रहा देरी


- तर्क, सीमित कर्मचारियों के आने के कारण हो रही देरी, जबकि अत्यावश्यक सेवाओं में शुमार



हरीश गुप्ता
जयपुर। वैश्विक महामारी कोरोना से हर देश अपने अपने स्तर पर जमकर लड़ाई लड़ रहा है, वहीं भारत और उसमें भी राजस्थान की कार्यप्रणाली अति प्रभावी है। यही कारण है कि प्रदेश में अभी तक अन्न की कोई कमी नहीं आई है। एन सी सी एफ के रवैए को देखा जाए तो कमी जरूर आ सकती है। हालांकि मैनेजर का तर्क है, स्टाफ सीमित बुलाने के कारण परेशानी हो सकती है।


मामला मंडियों में पड़े गेहूं, सरसों व चने आदि की फसलों से जुड़ा हुआ है। किसान फसल को मंडियों के व्यापारियों को बेच जाते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को भी। खुले अन्न को भरने के लिए बोरो (बारदाने)की जरूरत होती है, जो हर बार नया खरीदा जाता है। लाक डाउन होने के कारण सभी राज्यों की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा ठीक ना होने के कारण केंद्र सरकार ने आदेश जारी किए कि नया बारदाना महंगा होने के साथ-साथ अभी काफी औद्योगिक इकाइयां बंद होने के कारण पुराना बारदाना काम में लिया जा सकता है। यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाएगा तथा सस्ता भी पड़ेगा।


सरकार के यह आदेश आते ही बारदाना के व्यापारियों ने गोदामों के ताले खोल अपना अपना स्टॉक खंगालना शुरू कर दिया। वे राजफैड के दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि राजफैड उसी फर्म से खरीद कर सकती है जो फर्म भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) से रजिस्टर्ड हो।


वर्तमान में प्रदेश की गिनती की फर्मे ही एनसीसीएफ से रजिस्टर्ड है। इस पर कुछेक व्यापारी रजिस्ट्रेशन के लिए एनसीसीएफ दफ्तर पहुंचे तो जवाब मिला अभी करीब 1 सप्ताह का समय लगेगा, क्योंकि कोरोनावायरस को देखते हुए आधा ही स्टाफ आ रहा है। वास्तविकता उन्हें भी पता है कि बारदाना खरीद की प्रक्रिया 5 से 7 दिनों के भीतर हो जाएगी। इसका सीधा सा मतलब है जो फर्म पहले से रजिस्टर्ड है वही इस दौड़ में शामिल हो सकेंगी।


बारदाना का दाम: अन्न को भरने के लिए प्राय: दो तरह के बोरे काम में लिए जाते हैं। एक 900 ग्राम का होता है जो पुराना करीब ₹70 प्रति बैग तक मिलता है और नया ₹100 प्रति बैग मिलता है। वही दूसरा 580 ग्राम का होता है जो पुराना 40 से ₹45 प्रति बैग मिलता है वही इस क्वालिटी का नया बैग 58 से ₹60 प्रति बैग मिलता है।


क्या कहते हैं अधिकारी :


इस संबंध में एनसीसीएफ के प्रदेश मैनेजर दिनेश सिंह का कहना है, "नई फर्मों का रजिस्ट्रेशन बंद नहीं है, कोविड-19 के कारण पूरे स्टाफ को नहीं बुलाया जा रहा है, जिससे हम खुद मान रहे हैं कि कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसे जल्द करवा दिया जाएगा।


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