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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

नोडल अधिकारी ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने एवं अन्य व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में फील्ड में काम कर रहे अधिकारियों से लिया फीडबैक

- दुकानदार, सुपर स्प्रेडर्स की जांच के लिए होगी रेण्डम सैम्पलिंग


- साठ वर्ष से अधिक उम्र एवं गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए व्यापक आईईसी



जयपुर। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नोडल अधिकारी एवम ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया है कि रामंगज एवं कफ्र्यूग्रस्त परकोटा क्षेत्र में स्क्रीनिंग कर पल्स आॅक्सीमीटर के जरिए साठ वर्ष से अधिक उम्र के 11 हजार से अधिक बुजुर्गों के साथ ही आईएलआई मरीजों, कोरोना के लक्षण वाले, अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं की जांच की जाएगी। नोडल अधिकारी ने भविष्य में लाॅकडाउन खोले जाने की स्थिति में कोरोना संक्रमण के प्रति वलनरेबल (साठ वर्ष से अधिक उम्र के एवं ऐसे व्यक्ति जिनको अन्य गंभीर बीमारियां हैं) लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर आईईसी की आवष्यकता भी बताई है।


शर्मा ने सोमवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में कोरोना संक्रमण को रोकने एवं अन्य सम्बन्धित व्यवस्थाओं में जुटे जिला प्रषासन के अधिकारियों की बैठक लेकर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की समीक्षा की एवं आवष्यक निर्देष प्रदान किए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें परकोटा क्षेत्र में वलनरेबल लोगों में आॅक्सीजन की मात्रा की जांच करेंगी। आक्सीजन की मात्रा निर्धारित से कम मिलने पर निकटतम स्वास्थ्य संस्थान में उनकी अन्य आवष्यक जांचें की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इसके जरिए ऐसे लोगों की जानकारी मिल सकेगी जिन्हें कोरोना संक्रमण के कारण ज्यादा नुकसान हो सकता है। अभी 11 हजार बुजुर्गों का डेटा विभिन्न स्रोतों से सरकार के पास है, ऐसे और लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।


नोडल अधिकारी ने संक्रमित व्यक्ति की जल्द से जल्द पहचान एवं त्वरित चिकित्सकीय सहायता को कोरोना से लड़ाई का सबसे जरूरी पहलू बताया। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को इस कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में टीमें लगाने एवं पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था के लिए निर्देषित किया। शर्मा ने अधिकारियों से परकोटा एवं बाहरी क्षेत्रों में कोरोना के प्रबन्धन के सम्बन्ध में उनके कार्यक्षेत्र की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। बैठक में जिला कलक्टर डाॅ.जोगाराम, जयपुर नगर निगम के आयुक्त वी.पी.सिंह, सभी अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अन्य फील्ड अधिकारी शामिल हुए।


सुपर स्प्रेडर्स की पहचान के लिए टेस्टिंग करें


नोडल अधिकारी शर्मा ने परकोटा क्षेत्र में घर-घर राषन सामग्री की आपूर्ति करने वाले 100 से अधिक दुकानदारों एवं उनके यहां काम करने वाले व्यक्तियों की सैम्पल टेस्टिंग कराने के भी निर्देष दिए। उन्होंने ऐंसे संभावित सुपर स्प्रेडर्स के भी रेण्डम टेस्ट कराने के निर्देष दिए जिनके पास लोगों का बड़ी संख्या में रोजाना आना-जाना होता है जैसे दवा विक्रेता, सब्जी की दुकान, ग्रोसरी के दुकानदार आदि। श्री शर्मा ने जवाहर नगर कच्ची बस्ती क्षेत्र में भी रेण्डम सैम्पलिंग कराने के अधिकारियों को निर्देष दिए।


बुजुर्ग एवं गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए व्यापक आईईसी


शर्मा ने बताया कि भविष्य में लाॅकडाउन खोले जाने या इसमें रिलेक्सेषन दिए जाने की स्थिति में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति ज्यादा वलनरेबल श्रेणियों के लोगों को संक्रमण से बचाना सबसे जरूरी होगा। उन्होंने इसके लिए व्यापक स्तर पर आईईसी किए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि ऐसी श्रेणियों के लोगों को विज्ञापन एवं प्रचार के जरिए बताया जाना होगा कि उन्हें स्वयं को संक्रमण से बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? किन लक्षणों के पता चलते ही चिकित्सकीय सहायता लेनी है? और सोसायटी को भी बताना होगा कि ऐसे लोगों का किस तरह विषेष ध्यान रखा जाना है। इस सम्बन्ध में आईईसी योजना का प्रस्ताव डीआईपीआर को भिजवाया गया है।


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