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एक लाख 14 हजार से अधिक श्रमिक काम पर आने लगे - मीणा
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जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया है कि राज्य सरकार के समग्र प्रयासों से प्रदेश में एक लाख 14 हजार से अधिक श्रमिक औद्योगिक इकाइयो में काम पर आ गए हैं।मोडिफाइड लॉक डाउन 2 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी की पालना कराते हुए उद्योग धंधों को पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों का परिणाम है कि प्रदेश में सात हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों ने आगे आकर पहल की है।
उद्योग मंत्री मीणा ने बताया कि राज्य सरकार ने लॉक डाउन एक के दौरान आटा, दाल, तेल, मसाला आदि अनुगत श्रेणी की इकाइयों में उत्पादन कार्य जारी रखने का परिणाम रहा कि पहले चरण में ही प्रदेश में 1850 औद्योगिक इकाइयां काम करने लगी। उन्होंने बताया कि इसके बाद पारदर्शी सरलीकृत व्यवस्था और गाइड लाईन का परिणाम है कि राज्य में अब तक करीब सात हजार औद्योगिक इकाइयों ने औद्योगिक गतिविधियां शुरु करने की पहल की है। कोरोना महामारी के कारण लाकडाउन के बावजूद उद्यमियों से सीधे समन्वय व विश्वास कायम करने का परिणाम है कि आज एक लाख 14 हजार से अधिक श्रमिक औद्योगिक इकाइयों में काम पर आने लगे है।
मीणा ने बताया कि प्रदेश की बड़ी औद्योगिक इकाइयां भी आगे आई है और एक मोटे अनुमान के अनुसार 90 से अधिक इकाइयोें ने काम आरंभ कर दिया है। उन्होंने औद्योगिक इकाइयांे से सुरक्षा प्रोटोकॉल की शतप्रतिशत पालना सुनिश्चित करने को कहा है।एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया निदन्तर समन्वय व संवाद का परिणाम है कि औद्योगिक इकाइयों में काम शुरु करने का विश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों के 14 औद्योगिक क्षेत्रों को छोड दिया जाए तो प्रदेश के अन्य सभी औद्योगिक क्षेत्र खुल गए हैं।
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि छोटे व अनुगत श्रेणी के 820 उद्योगों में ही 19 अप्रेल तक 33 हजार से अधिक श्रमिकों ने काम आरंभ कर दिया वहीं इसके बाद औद्योगिक इकाइयांे के शुरु होने और श्रमिकों के काम पर आने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक विकास को पटरी पर लाने के दिशा में यह सकारात्मक संकेत है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि खास बात यह है कि प्रदेश की एमएसएमई उद्योगों, खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं के साथ ही वृहदाकार इकाइयों ने उत्पादन आरंभ करने में रुचि दिखाई है। यही कारण है कि श्रमिकों ने काम पर आना शुरु कर दिया है राज्य सरकार सुरक्षा मापदण्डों और एडवाइजरी की पालना के साथ साथ उद्योगों और उद्यमियों की समस्याओं को समझा है और प्रक्रिया को लगातार आसान बनाया जा रहा है।
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