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अनूठी है आदिवासी शिल्प और संस्कृति : महापौर

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जयपुर। सी स्कीम स्थित के के स्क्वायर मॉल में "आदि बाज़ार" का विधिवत उद्घाटन जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने किया। आदि बाजार में 15 अक्टूबर तक आदिवासी शिल्प, संस्कृति और वाणिज्य की भावनाओं का उत्सव होगा। महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार का उपक्रम है। ट्राइफेड का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज के कारीगरों में आजीविका पैदा करने, उनकी आय बढ़ाने तथा उनके उत्पादों का विपणन विकास के माध्यम से जनजातीय कारीगरों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। आरएसवीपी के रीजनल मैनेजर संदीप शर्मा ने बताया कि ट्राइफेड की विपणन पहल के रूप में क्षेत्रीय कार्यालय  जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल जनजातीय उत्सव "आदि बाजार” का आयोजन आठ दिनों की अवधि के लिए कर रहा है।  यह "आदि बाज़ार" मेला 30 जनजातीय स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और वन धन विकास केंद्रों द्वारा मूल्यवर्धित ऑर्गैनिक उत्पादों को बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मूल्यवान स्थान प्रदान करता है। इसम

तेलंगाना से छत्तीसगढ़ पैदल चलकर आ रहा था परिवार, रास्ते में 11 साल की मासूम बेटी ने तोड़ा दम


बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में लॉकडाउन के बीच गांव लौटने की लंबी पदयात्रा के दौरान एक मजदूर की 11 साल की लड़की की तबीयत जंगल में बिगड़ गई। उल्टी-दस्त से बेहाल किशोरी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजन शव कंधे पर लेकर आठ किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचे। परिवार लगातार सफर कर रहा था और तेज गर्मी व पानी की कमी से बच्ची की तबीयत बिगड़ी और फिर उसकी मौत हो गई।


कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने देश में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है। लॉकडाउन की वजह से कोई लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से छत्तीसगढ़ के 11 लोग तेलंगाना में फंस गए थे। जिसके बाद उन्होंने पैदल ही वहां से बीजापुर में अपने पैतृक निवास लौटने का फैसला किया। इस दौरान उनके साथ एक 12 साल की लड़की की भी थी।


जानकारी अनुसार गंगालूर गांव के कुछ ग्रामीण मिर्च तोड़ने तेलंगाना गए थे। लॉकडाउन में वहीं फंस गए थे। लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया तो वह पैदल ही बीजापुर के लिए चल पड़े। जंगल और पहाड़ी के रास्ते चलने के दौरान गर्मी के चलते जमलो मड़कामी नामक किशोरी की तबीयत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई।


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