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अनूठी है आदिवासी शिल्प और संस्कृति : महापौर

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जयपुर। सी स्कीम स्थित के के स्क्वायर मॉल में "आदि बाज़ार" का विधिवत उद्घाटन जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने किया। आदि बाजार में 15 अक्टूबर तक आदिवासी शिल्प, संस्कृति और वाणिज्य की भावनाओं का उत्सव होगा। महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार का उपक्रम है। ट्राइफेड का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज के कारीगरों में आजीविका पैदा करने, उनकी आय बढ़ाने तथा उनके उत्पादों का विपणन विकास के माध्यम से जनजातीय कारीगरों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। आरएसवीपी के रीजनल मैनेजर संदीप शर्मा ने बताया कि ट्राइफेड की विपणन पहल के रूप में क्षेत्रीय कार्यालय  जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल जनजातीय उत्सव "आदि बाजार” का आयोजन आठ दिनों की अवधि के लिए कर रहा है।  यह "आदि बाज़ार" मेला 30 जनजातीय स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और वन धन विकास केंद्रों द्वारा मूल्यवर्धित ऑर्गैनिक उत्पादों को बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मूल्यवान स्थान प्रदान करता है। इसम

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (03 मई 2020) पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं...


3 मई को क्यों मनाया जाता है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस...


हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। मीडिया क्षेत्र में कार्यरत पत्रकार इस दिवस को धूमधाम से मनाते है मगर ज्यादातर पत्रकारों को इस दिवस को मनाने के बारे में कारण व विस्तृत जानकारी नहीं होती है। आइए, जानते हैं कि 3 मई को ही आखिर ​क्यों विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं और इस दिवस से जुडी विस्तृत जानकारी।


विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का कारण


दरअसल विश्व स्तर पर मीडिया की आजादी का सम्मान करने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया और यूनेस्को महासम्मेलन की अनुशंसा के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी।


अफ्रीका के पत्रकारों ने की थी सर्वप्रथम पहल


अफ्रीका के पत्रकारों ने प्रेस की आजादी के लिए वर्ष 1991 में सबसे पहले पहल की थी और उन्होंने 3 मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों से संबंधित एक बयान भी जारी किया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से जाना गया है। इसके 2 साल बाद ही 1993 को संयुक्त राष्ट्र ने यह दिवस विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी। 


विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का इसलिए है महत्व 


3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का विशेष महत्व है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य प्रेस की आजादी के प्रति मीडिया​कर्मियों को जागरूक करना है और साथ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व सम्मान भी बना रहे। मीडिया की आजादी का महत्व बताते हुए यह दिन विश्व को बताता है ​कि लोकतंत्र की मूल्यों की सुरक्षा व नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में प्रेस अहम भूमिका निभाती है इसलिए सरकारों को चाहिए कि वे मीडिया​कर्मियों की सुरक्षा हमेशा सुनिश्चित करें। 


खास बात यह भी है कि यूनेस्को की ओर से 1997 से हर वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज भी प्रदान किया जाता है और यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को मिलता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो।


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