स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
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जयपुर। प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि 1 जून को सभी जिलों में ग्राम सेवा सहकारी समितियां किसानों को रहन ऋण वितरण कर उपज रहन ऋण योजना का शुभारंभ करेगी।कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों को कम दामों पर फसल नही बेचनी पडे़ इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 3 प्रतिशत ब्याज दर पर उपज रहन ऋण देने का फैसला किया है। इसे अमलीजामा देते हुए जून माह में 25 हजार किसानों को योजना के तहत लाभ प्रदान करने का लक्ष्य रखा हैं।
आंजना ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य लघु एवं सीमान्त किसानों को 1.50 लाख रूपये तथा बड़े किसानों को 3 लाख रूपये रहन ऋण के रूप में मिलेंगे। किसान को अपनी उपज का 70 प्रतिशत ऋण मिलेगा। इससे किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताएं पूरी होगी। बाजार में अच्छे भाव आने पर किसान अपनी फसल को बेच सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष कृषक कल्याण कोष से 50 करोड रूपये का अनुदान इस योजना के लिए किसानों को मिलेगा।
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता एवं कृषि नरेश पाल गंगवार ने बताया कि योजना में पात्र समितियों का दायरा बढ़ाकर इसे 5500 से अधिक किया गया है। भारत में सबसे कम ब्याज दर 3 प्रतिशत पर किसान को रहन ऋण देने की राजस्थान की यह विशेष पहल है। जो किसानों एवं समितियों की आय में वृद्धि करेगी। अधिक से अधिक पात्र किसानों को उपज रहन ऋण देकर उनकी तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने में सहकारी समितियां मदद करेगी।
गंगवार ने बताया कि सरकार की मंशा है कि प्रतिवर्ष 2 हजार करोड़ रूपये रहन ऋण के रूप में किसानों की मदद की जाए। जिसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में लगे कार्मिकों के लिए भी प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी। जिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए गए है कि रहन ऋण वितरण कर किसानों को लाभान्वित किया जाए।
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