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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

राज्य में 3 फीसदी ब्याज पर किसानों को मिलेगा रहन ऋण - सहकारिता मंत्री


जयपुर। प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि 1 जून को सभी जिलों में ग्राम सेवा सहकारी समितियां किसानों को रहन ऋण वितरण कर उपज रहन ऋण योजना का शुभारंभ करेगी।कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों को कम दामों पर फसल नही बेचनी पडे़ इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 3 प्रतिशत ब्याज दर पर उपज रहन ऋण देने का फैसला किया है। इसे अमलीजामा देते हुए जून माह में 25 हजार किसानों को योजना के तहत लाभ प्रदान करने का लक्ष्य रखा हैं।


आंजना ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य लघु एवं सीमान्त किसानों को 1.50 लाख रूपये तथा बड़े किसानों को 3 लाख रूपये रहन ऋण के रूप में मिलेंगे। किसान को अपनी उपज का 70 प्रतिशत ऋण मिलेगा। इससे किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताएं पूरी होगी। बाजार में अच्छे भाव आने पर किसान अपनी फसल को बेच सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष कृषक कल्याण कोष से 50 करोड रूपये का अनुदान इस योजना के लिए किसानों को मिलेगा।


प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता एवं कृषि नरेश पाल गंगवार ने बताया कि योजना में पात्र समितियों का दायरा बढ़ाकर इसे 5500 से अधिक किया गया है। भारत में सबसे कम ब्याज दर 3 प्रतिशत पर किसान को रहन ऋण देने की राजस्थान की यह विशेष पहल है। जो किसानों एवं समितियों की आय में वृद्धि करेगी। अधिक से अधिक पात्र किसानों को उपज रहन ऋण देकर उनकी तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने में सहकारी समितियां मदद करेगी।


गंगवार ने बताया कि सरकार की मंशा है कि प्रतिवर्ष 2 हजार करोड़ रूपये रहन ऋण के रूप में किसानों की मदद की जाए। जिसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में लगे कार्मिकों के लिए भी प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी। जिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए गए है कि रहन ऋण वितरण कर किसानों को लाभान्वित किया जाए।


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