स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
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जयपुर। प्रशासन को सूचना मिली कि कई महिलाएं, बच्चे जिनमे गर्भवती महिलाएं भी शामिल है, एक पेड़ के नीचे ठहरे हुये है और बारां जिले में अपने घर पैदल ही जाने की योजना बना रहे है।
यहां पाली जिले के बाली तहसील के शैला गांव में ठहरे मज़दूरों में 15 बच्चे, 7 महिलाओं सहित 33 मजदूर मिले। जिनमे दो गर्भवती महिलाएं भी थी। यह मजदूर तीन दिन से ठहरे हुये थे इनके पास खाने की भी कमी थी।
जानकारी मिलते ही तत्काल पाली जिला प्रशासन एवं राजस्थान रोडवेज के अधिकारी मौके पर पंहुचे और रोडवेज की बस से उन्हें सकुशल बारां पहुंचाने के इंतेजाम किये गये। अब ये लोग अपने घर सकुशल पहुंचकर प्रशासन एवं रोडवेज द्वारा दी गई सहायता से संतुष्ट राज्य सरकार को धन्यवाद देते नहीं थक रहे।
मज़दूरों ने बताया कि गुजरात में ईट भट्टे पर मजदूरी करते है तथा गुजरात से सात दिन तक लगातार पैदल करीब 200 किमी की यात्रा कर श्री शैला गांव पहुॅचे है।
मेडिकल टीम द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की स्की्रनिंग, तापमान की जॉच एवं सेनेटाईजर से हाथ साफ करवाकर मजदूरो को प्रशासन द्वारा खाध्य सामग्री (बिस्कुट, बोटल पानी) देकर रोडवेज बस में सोश्यल डिसटेन्सिंग ध्यान रखते हुए बैठाकर उनके गंतव्य स्थान जिला बारां के शाहबाद तहसीज के बरथा गांव के लिये भिजवाया गया।
इन मजदूरों ने कहा कि राज्य सरकार ने श्रमिकों के प्रति संवेदना दिखाई है और इसी कारण वे आज अपने घर और अपनों के पास सुरक्षित पहुंच पाये है।
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