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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

मंडियों में भूखंडों पर निर्माण नहीं करा पाने वाले आवंटियों को राहत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न मंडी समितियों में 99 वर्षीय लीज पद्धति से आवंटित भूखंडों पर विभिन्न कारणों से निर्माण नहीं करा पाने वाले आवंटियों को आवंटन बहाल करने का अवसर प्रदान कर बड़ी राहत दी है। 

 

निर्माण नहीं कराने के कारण जिनके आवंटन निरस्त हो गए थे अगर उन भूखंडों का किसी अन्य को आवंटन नहीं किया गया है तो ऎसे आवंटन पुनः बहाल हो सकेंगे। इसके लिए आवंटियों को 30 जून तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने की छूट प्रदान की है। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से ऎसे प्रकरणों में आवंटियों को 31 दिसम्बर 2020 तक निर्माण करने का अंतिम अवसर प्रदान करने के साथ आवंटन बहाल किया जा सकेगा। 

 

गहलोत ने इसके साथ ही मंडी समिति द्वारा आवंटित भूखंडों का कब्जा तथा टाइप डिजाइन विलम्ब से देने के प्रकरणों में भी आवंटियों को राहत दी है। ऎसे मामलों में कब्जा तथा टाइप डिजाइन देने की तिथि से निर्माण अवधि की गणना की जाएगी। साथ ही तकनीकी बाधाओं के कारण जिन भूखंडों में निर्माण नहीं हो पाया उनमें तकनीकी बाधा दूर होने के बाद कब्जा दिए जाने की तिथि से निर्माण अवधि एवं शास्ति की गणना की जाएगी। 

 

किसानों को प्रमाणित बीज के लिए 200 मंडियों में बनेंगे आउटलेट

 

मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य बीज निगम को बीज वितरण आउटलेट स्थापित करने के लिए प्रदेश के 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में भूखंड तथा रिक्त निर्मित परिसंपत्तियां उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में उन्नत बीज की मांग को देखते हुए राज्य बीज निगम द्वारा प्रमाणित बीज का उत्पादन 8 लाख क्विंटल से बढ़ाकर 12 लाख क्विंटल किया जाना है। साथ ही 200 मंडियों में चरणबद्ध रूप से बीज वितरण आउटलेट स्थापित किए जाने हैं। श्री गहलोत ने इसके लिए 97 मंडियों में रिक्त निर्मित परिसंपत्तियां तथा शेष 103 मंडियों में रिक्त चिन्हित भूखंडों के आवंटन को स्वीकृति दी है।

 

निजी गौण मंडी को प्रतिभूति राशि एवं भूमि की आवश्यकता की अनिवार्यता में शिथिलता

 

इसी प्रकार गहलोत ने वेयरहाउस डेवलपमेंट रेगुलेरिटी ऑथोरिटी (डब्ल्यूडीआरए) से रजिस्टर्ड निजी वेयरहाउस को निजी गौण मण्डी घोषित किये जाने के संबंध में प्रतिभूति राशि एवं भूमि की आवश्यकता संबंधी प्रावधानों में भी शिथिलता प्रदान की है। प्रदेश में 157 निजी स्वामित्व के वेयरहाउस डब्ल्यूडीआरए से पंजीकृत हैं। उल्लेखनीय है कि निजी गौण मंडी के लिए 15 लाख रूपए की प्रतिभूति राशि और 5 हैक्टेयर भूमि की अनिवार्यता का प्रावधान है।

 

कोविड-19 महामारी के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना और किसानों को खेत के नजदीक ही उनकी उपज बेचने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से इन निजी वेयरहाउस को निजी गौण मंडी घोषित किये जाने के संबंध में राजस्थान राज्य भंडार गृह व्यवस्था निगम की तर्ज पर प्रतिभूति राशि और भूमि की आवश्यकता संबंधी प्रावधानों में शिथिलता दी गई है। 

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