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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

सस्ती, सहज और साइड इफैक्ट रहित चिकित्सा में होम्योपैथी महत्त्वपूर्ण - राज्यपाल

होम्योपैथी विश्वविद्यालय जयपुर के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट भवन का उद्घाटन...

जयपुर। महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सस्ती, सहज और बिना किसी साइड इफैक्ट वाली चिकित्सा सेवाएं आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति इस लिहाज से महत्वपूर्ण बनकर उभरी है।

राज्यपाल मिश्र शनिवार को विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर यहां राजभवन से होम्योपैथी विश्वविद्यालय जयपुर के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी भवन के उद्घाटन के अवसर पर ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रवर्तक डॉ. सेमुअल हेनीमेन के 267 वें जन्म दिवस के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से तार्किक और व्यक्तिपरक दवा चिकित्सा प्रणाली है। इसमें व्यक्ति के बाहरी पक्ष से नहीं बल्कि उसके आन्तरिक लक्षणों को देखकर और समझकर इलाज किया जाता है।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कोविड-19 महामारी की कठिन परिस्थिति में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और रोग प्रतिरक्षा का निर्माण करने में आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी) के महत्व को सभी ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग के बेहतरीन परिणाम को देखते हुए ही केन्द्र सरकार ने आयुष सेवाओं को देश की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली के सभी स्तरों पर शामिल किया है।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रें में होम्योपैथिक दवाओं से सम्बंधित जागरूकता अभियान चलाकर इस सस्ती, सहज और वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति की सही जानकारी आमजन तक पहुंचाने की जरूरत है। 

परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि निरोगी राजस्थान को साकार करने की दिशा में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की अहम भूमिका है। इसे देखते हुए राज्य सरकार होम्योपैथी के विकास के लिए सतत् प्रयत्नशील है। कोविड-19 महामारी के दौर में रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करने की नई चुनौती सामने आई है जिसमें वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां महत्वपूर्ण साबित हुई हैं। 

सांसद डॉ. मनोज राजौरिया ने कहा कि कम खर्च में इलाज करने की विशेषता के चलते होम्योपैथी ने कम समय में ही विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि देश में इस चिकित्सा पद्धति के समुचित विकास और उच्च स्तरीय होम्योपैथिक मेडिकल पेशेवर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक पारित किया गया है।

राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी के नवनिर्मित भवन  का उद्घाटन भी किया।

समारोह में होम्योपैथी विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ. गिरेन्द्र पाल, अध्यक्ष डॉ. ए.एन. माथुर, सचिव डॉ. के.सी. भिण्डा, कुलसचिव डॉ. तारकेश्वर जैन, प्राचार्य डॉ. अतुल कुमार सिंह ने भी  विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कत्र्तव्यों का वाचन करवाया। समारोह के दौरान राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल सहित अधिकारीगण, शिक्षकगण तथा विद्यार्थी ऑनलाइन उपस्थित थे।

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