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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

प्रदेश में 30 लाख हर घर नल कनैक्शन के लिए कार्यशैली और क्षमता संवर्द्धन पर विशेष फोकस

राजस्थान में जल जीवन मिशन में वर्ष 2021-22 का एक्शन प्लान
जल शक्ति मंत्रालय और राष्ट्रीय जेजेएम टीम के समक्ष विस्तृत प्रजेंटेशन



जयपुर। राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल कनैक्शन देने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए तैयार वार्षिक कार्ययोजना (एन्यूअल एक्शन प्लान) के बारे में जलदाय विभाग की ओर से शुक्रवार को वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार में जल शक्ति मंत्रालय एवं राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) के अधिकारियों के समक्ष विस्तृत प्रजेंटेशन दिया गया।

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रजेंटेशन में जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों को बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों को गति देने के लिए लगातार ठोस प्रयास किए जा रहे है। जेजेएम के तहत इस वर्ष राज्य में 30 लाख हर घर नल कनैक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसके लिए अधिकारियों एवं कार्मिकों की क्षमता संवर्द्धन, कार्यशैली एवं प्रदर्शन में सुधार के साथ ही मिशन के कार्यों में जन भागीदारी को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिसका लगातार सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।

24 हजार गांवों में 63 लाख हर घर नल कनैक्शन की स्वीकृति जारी पंत ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 101.32 लाख घरों में नल से जल कनैक्शन दिए जाने हैं, इनमें से पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 19 लाख 57 हजार 183 हर घर नल कनैक्शन दिए जा चुके है। शेष बचे घरों में से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 30 लाख हर घर नल कनैक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य आरम्भ कर दिया गया है। इसके लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) के माध्यम से 24 हजार गांवों में 63 लाख हर घर नल कनैक्शन देने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है। प्रदेश में इसके अलावा शेष रहे घरों में नल कनैक्शन की स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी करने के लिए सभी जिलों में प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, जिनकी स्वीकृतियां आगामी एसएलएससी की बैठकों में जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 35 लाख तथा वर्ष 2023-24 में 16.75 लाख हर घर नल कनैक्शन देने की योजना है।

12 हजार गांवों के सभी घरों में नल कनैक्शन का लक्ष्य

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के कई गांवों में शत प्रतिशत हर घर नल कनैक्शन देने पर भी विशेष फोेकस किया जा रहा है। अब तक 528 गांवों के सभी घरों में नल कनैक्शन देने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस वर्ष राज्य के 12 हजार गांवों के सभी घरों में नल कनैक्शन से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार गुणवत्ता प्रभावित 1950 आबादियों में भी हर घर नल कनैक्शन दिए जाएंगे। प्रदेश में इस साल प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विशेष श्रेणी के जिलों (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स) धौलपुर, जैसलमेर, बारां, करौली और सिरोही में 3895 ग्राम एवं ढाणियों में 3 लाख 32 हजार 852, अकाल से प्रभावित एवं मरूस्थलीय क्षेत्रों में 5020 गांवों में 10 लाख 56 हजार 450 हर घर नल कनैक्शन, सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सभी 186 गांवों में 36 हजार 100 हर घर नल कनैक्शन तथा अनुसूचित जाति और जनजाति के बाहुल्य वाले क्षेत्रों में 4920 गांव एवं ढाणियों में 8 लाख 95 हजार नल कनैक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया है।

पेयजल गुणवत्ता जांच पर पूरा ध्यान

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश में जेजेएम के तहत करीब 39 हजार ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के गठन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस वर्ष 4541 समितियों का गठन किया जाएगा। विलेज एक्शन प्लान (वीएपी) तैयार करने के कार्यों को गति देते हुए गत फरवरी माह से अब तक करीब 2400 गांवों का प्लान तैयार कर लिया गया है। प्रदेश में पेयजल की गुणवत्ता पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों में पेयजल की गुणवत्ता की जांच के लिए संचाचित प्रयोगशालाओं के एनएबीएल से मान्यता (एक्रीडिशन) का कार्य आगामी जून माह तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार  ब्लॉक स्तर पर भी 102 पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाएं चालू वित्तीय वर्ष में स्थापित करने की योजना है।

केन्द्रीय टीम से मिली सराहना

भारत सरकार में जल शक्ति मंत्रालय में सचिव श्री पंकज कुमार तथा एनजेजेएम की निदेशक रूपा मिश्रा सहित केन्द्रीय टीम द्वारा राजस्थान में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए एक्शन प्लान की सराहना करते हुए विशेष रूप से प्रदेश में कमांड एरिया में स्काडा सिस्टम के तहत सैंसर टैक्नोलोजी से मॉनिटरिंग के मॉडल एवं पेयजल गुणवत्ता पर फोकस की सराहना की।

तकनीकी पहलुओं पर डाला प्रकाश

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा ने प्रदेश में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं और केन्द्रीय टीम की ओर से तकनीकी बिन्दुओं पर पूछे गए प्रश्नों पर प्रकाश डाला। इस दौरान जलदाय विभाग की विशिष्ट सचिव उर्मिला राजोरिया, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) दिलीप गौड़, वित्तीय सलाहकार ललित वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) महेश जांगिड़ एवं चीफ कैमिस्ट राकेश माथुर सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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