जयपुर। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) से जुड़े जिलों में नहरबंदी के दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेल एंड तक सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचईडी एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को सतत समन्वय के साथ कार्य जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सम्बंधित जिला कलक्टर्स नहरबंदी के दौरान पेयजल सम्बंधी व्यवस्थाओं की निरंतर मॉनिटरिंग करे ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
पंत एवं महाजन सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग (वीसी) के माध्यम से इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े श्री गंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, चुरू और सीकर जिलों के कलक्टर्स, जिला प्रशासन, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रमुख शासन सचिव, जल संसाधन विभाग ने कहा कि गर्मी के बढ़ते प्रभाव और कोरोना के कारण उपजी परिस्थितियों को देखते हुए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में नहरबंदी को देखते हुए जिला कलक्टर्स के निर्देशन में जलदाय विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारी सर्तकता और सजगता के साथ पेयजल प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता पर भी बराबर फोकस करने के निर्देश दिए।
एसीएस पंत ने कहा कि सभी जिलों में जलदाय विभाग की ओर से गर्मिर्यों में कंटीजेंसी प्लान और टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन व्यवस्था (टीओडब्ल्यू-ट्रांसपोर्टेशन ऑफ वाटर) के लिए आवश्यक स्वीकृतियां पहले जारी की जा चुकी है। जिलों में कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा कर लोगों को गर्मी के मौसम में राहत दी जाए। यदि किसी जिले में पेयजल आपूर्ति की दृष्टि से कटीजेंसी प्लान के तहत और कार्यों के लिए अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है तो इसके प्रस्ताव जिला कलक्टर के माध्यम से तैयार कर भिजवाएं।
जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 30 मई तक नहरबंदी के दौरान मरम्मत एवं रखरखाव से सम्बंधित जो कार्य लक्षित किए गए है, उनको निर्धारित समयावधि में पूरा करना सुनिश्चित करे। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी डिग्गियां आदि पूर्ण रूप से भर ली जाए एवं नहरों में ‘पोंडिंग‘ भी पूरी कर ली जाए।
महाजन ने बताया कि आईजीएनपी में यह नहरबंदी सभी जिलों में भविष्य में ‘वाटर सिक्योरिटी‘ के लिहाज से बड़ी महत्वपूर्ण है। नहरबंदी के दौरान कैनाल सिस्टम की मजबूती और सुदृढ़ीकरण के लिए होने वाले कार्यों का आने वाले कई सालों तक जनता को सीधा फायदा मिलेगा, इससे पंजाब से अतिरिक्त पानी भी लिया जाना सम्भव होगा।
जिला मुख्यालयों से वीसी के दौरान जिला कलक्टर्स के साथ जलदाय विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने नहरबंदी की अवधि में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में निर्बाध पेयजल सप्लाई की कार्ययोजना, पानी के स्टोरेज की व्यवस्थाओं और अब तक की गई तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने सम्बंधित जिलों में जिला कलक्टर और दोनों विभागों के स्तर पर उठाए जा रहे कदमों की सराहना की। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को आने वाले दिनों में भी ऐसी सक्रियता को जारी रखने और अलर्ट मोड पर रहते हुए पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित प्रत्येक प्रकरण का आपसी समन्वय से तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए।
वीसी के दौरान जयपुर के एनआईसी सेंटर में पीएचईडी के मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) दिलीप गौड़, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे। जिला मुख्यालयों से जिला कलक्टर्स, जिला प्रशासन, जलदाय विभाग, जल संसाधन विभाग एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अधिकारियों ने वीसी में शिरकत की।
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