कोविड की जंग में मुस्तैदी से डटी ‘कलक्टर की सेना‘

उदयपुर विशेष...

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार में सतर्क है टीम उदयपुर


उदयपुर। मेवाड़ की धरती युद्ध की शौर्यगाथाओं के लिए मशहूर है। यहां कण-कण में हल्दी घाटी का शौर्य बसा है, तो पग-पग पर मेवाड़ी आन-बान और शान के किस्से हैं। कोरोना वायरस को एक अदृश्य शत्रु माना जाए तो आज एक बार फिर मेवाड़ की धरती पर एक ऐतिहासिक युद्ध लड़ा जा रहा है। इस युद्ध में सेनापति की भूमिका में हैं जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीमें। कभी फाइलों पर नोटशीट चलाने वाले अधिकारी आज अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुटे हैं। जिले के किस अस्पताल में कितने मरीज हैं, ऑक्सीजन की कब कहां, कितनी आपूर्ति होनी है जैसे सवालों के बीच जिला प्रशासन की टीमें जनता के साथ कदम से कदम मिलाकर कोविड के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रही हैं। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा और एसपी डॉ. राजीव पचार भी लोगों से समझाइश कर रहे हैं।

सांसों की सुरक्षा इनके जिम्मे

बढ़ते मरीजों के बोझ से सांसों पर संकट न आए इसके लिए प्रशासन के स्तर पर रणनीति बनाई गई है। कोरोना के विरुद्ध इस जंग में मरीजों की बढ़ती हुई संख्या व ऑक्सीजन की बढ़ती खपत को देखते हुए अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर नजर रखने के लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बायोमेडिकल इंजीनियर भी हैं। छह सदस्यों वाली यह टीम कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन खपत की ऑडिट का काम करती है। कमेटी के सदस्य हैं-विनय पाठक, डॉ. ललित रैगर, डॉ. देवेंद्र वर्मा, डॉ. खेमराज मीणा, बायोमेडिकल इंजीनियर जतिन और पीयूष कानोडि़या।

जीवनदान दे रही चिकित्साविभागीय टीम

जिलेभर में कोरोना पीडि़तों के आंकड़े जुटाने से लेकर उनको चिकित्सा सेवा मुहैया करवाने व अन्य व्यवस्थाओं में लगे हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी अधीनस्थ अधिकारियांे के माध्यम से दिनरात प्रयास कर रहे हैं। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल व एमबी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन भर्ती मरीजों को हरसंभव बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाते हुए जीवनदान दे रहे हैं। इसी तरह चिकित्सा विभाग की टीम में डब्ल्यूएचओ के डॉ. अक्षय व्यास, आरसीएचओ डॉ. अंकित जैन, डॉ. मनु मोदी आदि की टीम भी पूर्ण निष्ठा के साथ सेवाएं दे रही हे।

कोविड प्रोटोकॉल के प्रहरियों ने वसूला 27 लाख जुर्माना

अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अशोक कुमार, एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा की अगुवाई में शहर में पुलिस-प्रशासन की टीमें कोविड प्रोटोकॉल और कर्फ्यू की पालना करवा रही है। बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने पर शहर में कई व्यवासियक प्रतिष्ठानों को सीज किया जा चुका है और यह कार्यवाही जारी है। एडीएम सिटी अशोक कुमार ने बताया कि 2 अप्रेल से 21 अप्रेल तक 1 हजार 110 लोगों को बिना मास्क सार्वजनिक स्थानों पर घूमते हुए पाया गया, जिनसे 5 लाख 55 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने पर लगभग 27 हजार लोगों से 27 लाख से अधिक का जुर्माना वसूला गया। साथ ही कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले 194 व्यावसायिक प्रतिष्ठान सीज किये गये है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर 34 चालान काटकर 6 हजार 800 रुपये वसूले गये।

अस्पतालों में न हो अव्यवस्था

जिले के सभी निजी अस्पतालों से बेहतर संवाद एवं समन्वय स्थापित कर आम जन को सहज व सुलभ  उपचार उपलब्ध करवाने, कोविड संक्रमितों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने, निजी अस्पतालों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए 50 से ज्यादा नोडल अधिकारी व सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन अधिकारियों की टीमें हर दिन अस्पतालों का दौरा कर अपने उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपती है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर इलाज सुनिश्चित करवाती है। यदि किसी मरीज को बेड नहीं मिल रहा है, तो उसे बेड उपलब्ध करवाने का काम भी इस टीम को सौंपा गया है। टीम में जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू, जिला आबकारी अधिकारी हेमेन्द्र नागर, डीआईजी स्टाम्प श्वेता फगेडि़या,  उपायुक्त नगर निगम अनिल शर्मा सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं।

हर थाने पर लगे हैं प्रभारी अधिकारी

जिलेभर में कोरोना प्रोटोकॉल की पालना के लिए जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार के निर्देशन में समूचा पुलिस दल लगा हुआ है। डॉ. पचार के पूर्व कोरोना काल में जयपुर डीसीपी रहते हुए रामगंज मॉडल को लागू करवाने का अनुभव भी खासा काम आ रहा है। इधर, शहर में प्रत्येक थाने पर एक प्रशासनिक अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है, जो नगरीय क्षेत्र में कोविड-19 गाइडलाइन की पालना एवं निगरानी, संबंधित थानाधिकारी, संयुक्त प्रवर्तन दल तथा एंटी-कोविड टीम के कार्यों पर नजर रखती है तथा समन्वय स्थापित करते हैं। कर्फ्यू की पूर्ण पालना, होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की निगरानी तथा कोविड टेस्ट की सेम्पलिंग की मॉनीटरिंग भी इनके जिम्मे हैं। इसके साथ ही ये टीम कोविड वैक्सीनेशन के लिए भी लोगों को जागरूक कर रही है। गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र के लिए कार्यकारी निदेशक आरएसएमएस बालमुकुंद असावा, भूपालपुरा के लिए रजिस्ट्रार महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय कविता पाठक, हाथीपोल के लिए एससीईआरटी निदेशक प्रियंका जोधावत, धानमण्डी के लिए टीआरआई निदेशक गोविन्द सिंह राणावत, प्रतापनगर के लिए विशेषाधिकारी यूआईटी पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत, घंटाघर के लिए उपनिदेशक स्थानीय निकाय विभाग विनय पाठक, हिरणमगरी के लिए उपायुक्त नगर निगम अनिल शर्मा सहित अन्य थाना क्षेत्रों के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
  
24 घंटे एक्टिव वॉर रूम, एक फोन पर समाधान

अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओ.पी. बुनकर की अगुवाई में जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, सातों दिन वॉर रूम काम कर रहा है। कहने को तो यह कलक्ट्रेट में स्थित एक हॉल है, लेकिन यहां हर पल की गहमागहमी वॉर रूम जैसा अहसास करवाती है। जैसे-जैसे जिले में कोविड संक्रमण बढ़ रहा है, वैसे ही यहां आने वाले फोन कॉल्स की संख्या भी बढ़ी है। लगातार बज रहे टेलीफोन के बीच वॉर रूम में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि रोज 150-200 फोन कॉल्स आ रहे हैं। ज्यादातर फोन कोविड जांच को लेकर और होम आइसोलेशन में रह रहे पॉजिटिव मरीजों के बाहर घूमने को लेकर आते हैं। लोगों को फोन पर सांत्वना और संतोषजनक जवाब मिलने पर उनका आधा डर वैसे ही खत्म हो जाता है। इससे पता चलता है कि लोग जागरूक हो रहे हैं। यहां तीन शिफ्ट में कर्मचारी काम कर रहे हैं। सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 से रात 10 बजे तक और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के दौरान प्रत्येक शिफ्ट में आठ कर्मचारी काम कर रहे हैं। यहीं मेडिकल कंट्रोल रूम भी संचालित है, जिसमें एक डॉक्टर और मेल नर्स 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मेडिकल कंट्रोल रुम का नंबर 6367304312 है वहीं जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के नंबर 0294-2414620 हैं।

जनसंपर्क विभाग कर रहा है जागरूक

कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सबसे जरूरी है सूचनाओं का त्वरित संप्रेषण व जनता में जागरूकता लाना और उदयपुर जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ इस काम में जुटा हैै। राज्य सरकार के निर्देशानुसार उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा के नेतृत्व में जनता को कोविड प्रोटोकॉल की पालना करवाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक पोस्टर, सनबोर्ड, सनपैक, स्टिकर्स आदि प्रदर्शित करवा कर जागरूकता फैलाई जा रही है वहीं कोरोना की दूसरी लहर से कैसे बचा जाए, इसके लिए हिन्दी के साथ-साथ मेवाड़ी भाषा में एक ऑडियो क्लिप भी तैयार करवाई गई है। इन ऑडियो क्लिप का प्रसारण नगर निकायों के कचरा संग्रहण वाहनों, फतहसागर पाल व गुलाबबाग के ऑडियोपोल्स व जागरूकता रथ के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्य में एनएसएस और स्काउट-गाइड भी पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर कार्य कर रहे व लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करवाने, मास्क पहनने और दो गज दूरी रखने का संदेश दे रहे हैं। कोरोना बचाव के संदेश वाले पोस्टर शहर के प्रमुख स्थानों और रिहायशी इलाकों में लगाकर कोरोना से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं।

श्रमिकों के  विशेषलिए शिविर

प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रांजिट शिविरों की स्थापना और शिविरों में छाया, पानी, परिवहन, भोजन आदि की व्यवस्था के लिए जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू को नोडल अधिकारी, जबकि जिले के सभी बीडीओ को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सीईओ डॉ. मंजू स्वस्फूर्त रूप से चिकित्सालयों में संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर प्रयास कर रही है और इनकी पहल से अब तक एक करोड़ 5 लाख रुपये के जीवनरक्षक उपकरण भी जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा से प्राप्त हो रहे हैं।

कालाबाजारी पर पैनी नज़र

आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी एवं जमाखोरी रोकने के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। नियंत्रण कक्ष का मोबाइल नंबर 8852853399 व 8058099651 है। कंट्रोल रूम की प्रभारी व नियंत्रण अधिकारी जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी है। इनकी टीम मंे सदस्य विधिक माप विज्ञान अधिकारी राजचन्द्र त्रिपाठी, प्रवर्तन अधिकारी विनोद परमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज, वरिष्ठ सहायक राजेन्द्र सिंह राणावत व शारीरिक शिक्षक गुलजारी लाल नागदा शामिल हैं।

बाल विवाह की रोकथाम के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना

आगामी 14 मई को अक्षय तृतीया एवं 26 मई को पीपल पूर्णिमा के तहत जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा के आदेशानुसार यह नियंत्रण कक्ष 14 मई से 26 मई तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। इस नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर नियंत्रण कक्ष कार्यालय जिला मजिस्ट्रेट उदयपुर 0294-2414620 हैं।

आयुष अमृत क्वाथ वितरण में सहयोग के लिए आगे आए भामाशाह

शासन सचिव आयुर्वेद जयपुर एवं निदेशक आयुर्वेद विभाग अजमेर के निर्देशानुसार राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिंधी बाजार में जारी आयुष अमृत क्वाथ वितरण में सहयोग के लिए भामाशाह आगे आ रहे है। गुरुवार को स्थानीय वार्ड 58 की पार्षद डॉ शिल्पा पामेचा ने औषधालय के कोरोना कर्मवीरो के लिए फेस शील्ड एवं पीपीई किट भेंट की। साथ ही एसबीआई की प्रीति मुर्डिया ने भी अपने स्वर्गीय माता-पिता कृष्णा कुमारी मुर्डिया एवं जतन सिंह मुर्डिया की स्मृति में आयुष क्वाथ वितरण में आर्थिक सहयोग प्रदान किया।

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी वैद्य शोभालाल औदीच्य ने बताया कि आमजन के स्वास्थ्य के दृष्टिगत जारी इस कार्यक्रम में लोग का उत्साह देखते ही बन रहा है। गुरुवार को कोविड गाइडलाइन की पूर्ण पालना के साथ 720 से अधिक लोगों ने आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन किया। उन्होंने बताया कि लोगों में आयुर्वेद के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भामाशाहों ने अपना सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने इस अनुकरणीय पहल के लिए भामाशाहों का आभार जताया।
डॉ औदीच्य ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं कोरोना से बचाव हेतु योगाचार्य एवं चार्टर्ड इंजीनियर जिग्नेश शर्मा द्वारा आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित आयुष अमृत क्वाथ का निर्माण किया जा रहा है। इस सेवा कार्य में कंपाउंडर प्रदीप व्यास आदि का सहयोग रहा। क्वाथ वितरण का कार्य 30 अप्रैल तक सुबह 9 बजे से 12 बजे तक औषधालय परिसर में जारी रहेगा।

जिला प्रमुख ने पंचायती राज संस्थाओं की गाइडलाइन में संशोधन की मांग, अनुदान का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में करने की अनुमति मांगी

जिला प्रमुख ममता कुंवर ने गुरुवार को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर विधायकों की तर्ज पर जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों को भी देय अनुदान राशि का उपयोग मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन, बेड आदि की व्यवस्था में खर्च करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं को मिलने वाले फंड का उपयोग जिले में मेडिकल संसाधनों को मजबूत करने में खर्च करने का सुझाव दिया है और इसके साथ ही राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं को मिलने वाले अनुदान की गाइडलाइन में चिकित्सा क्षेत्र को भी जोड़ने की बात कही है।  

जिला प्रमुख ने पत्र में जिले में कोविड संक्रमितों की बढ़ती संख्या और मेडिकल क्षेत्र पर बढ़ते बोझ को देखते हुए कोविड महामारी के दौरान जिले के अस्पतालों में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, बेड और अन्य चिकित्सकीय उपकरण जुटाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं को भी स्वीकृति जारी करने का अधिकार देने को कहा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के दौरान विधायक मेडिकल उपकरण खरीदकर अस्पतालों में उपलब्ध करवा रहे हैं, तो पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों को भी इसकी अनुमति मिलनी चाहिए।


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