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अनूठी है आदिवासी शिल्प और संस्कृति : महापौर

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जयपुर। सी स्कीम स्थित के के स्क्वायर मॉल में "आदि बाज़ार" का विधिवत उद्घाटन जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने किया। आदि बाजार में 15 अक्टूबर तक आदिवासी शिल्प, संस्कृति और वाणिज्य की भावनाओं का उत्सव होगा। महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार का उपक्रम है। ट्राइफेड का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज के कारीगरों में आजीविका पैदा करने, उनकी आय बढ़ाने तथा उनके उत्पादों का विपणन विकास के माध्यम से जनजातीय कारीगरों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। आरएसवीपी के रीजनल मैनेजर संदीप शर्मा ने बताया कि ट्राइफेड की विपणन पहल के रूप में क्षेत्रीय कार्यालय  जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल जनजातीय उत्सव "आदि बाजार” का आयोजन आठ दिनों की अवधि के लिए कर रहा है।  यह "आदि बाज़ार" मेला 30 जनजातीय स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और वन धन विकास केंद्रों द्वारा मूल्यवर्धित ऑर्गैनिक उत्पादों को बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मूल्यवान स्थान प्रदान करता है। इसम

मनरेगा के समस्त प्रगतिरत कार्यो का एक दिवसीय सघन निरीक्षण व पर्यवेक्षण प्रदेश में 19 जून को



जयपुर। आयुक्त मनरेगा पी.सी. किशन ने समस्त जिला कलक्र्टस एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक, ईजीएस को निर्देश दिए कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रदेश में समस्त प्रगतिरत कायोर्ं की गुणवत्ता के स्तर को बनाए रखने के लिए 19 जून को एक दिवसीय सघन निरीक्षण व पर्यवेक्षण करवाना सुनिश्चित करावें। 

 

उन्होंने बताया कि 19 जून को महात्मा गांधी नरेगा योजना मे प्रगतिरत प्रत्येक कार्य का सघन निरीक्षण व पर्यवेक्षण के लिए दिये दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाये। जिला स्तर पर जिला कलक्टर द्वारा न्यूनतम 10-10 निरीक्षणों दलों का गठन किया जाये। निरीक्षण दल मे लाईन विभाग के अधिकारियों के साथ जिला परिषद के सभी अभियन्तागण, लेखाधिकारी एवं जिला परिषदों में पदस्थापित अन्य सभी अधिकारीगणों को सम्मिलित कर दलों का गठन किया जावे। इसी प्रकार प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर भी न्यूनतम 10 निरीक्षण अधिकारी तय किये जाये जिनमें उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, कार्यक्रम अधिकारी सह विकास अधिकारी, विभिन्न विभागों के सहायक अभियन्ता सम्मिलित होंगे।

 

जिला स्तरीय निरीक्षण दल प्रातः 5.45 बजे  कलेक्ट्रेट, जिला परिषद कार्यालय में एकत्रित होगें एवं संक्षिप्त ब्रिफिंग के पश्चात निरीक्षण प्रपत्र एवं निरीक्षण किये जाने वाले कार्यो की सूची के साथ विभिन्न पंचायत समितियों में निरीक्षण हेतु प्रस्थान करेंगे। दलों के रवाना होने के पश्चात कुल दलों की संख्या व रवाना होने के समय की सूचना एसएमएस द्वारा आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा के मोबाईल नम्बर 8529847757 पर अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक, ईजीए एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा प्रेषित की जावेगी।

 

इसी प्रकार पंचायत समिति स्तरीय निरीक्षण दल के अधिकारी 5.45 बजे पंचायत समिति कार्यालय में एकत्रित होेंगे एवं संक्षिप्त ब्रिफिंग के पश्चात निरीक्षण प्रपत्रों एवं निरीक्षण किये जाने वाले कार्यों की सूची के साथ विभिन्न ग्राम पंचायतो में निरीक्षण हेतु प्रस्थान करेंगे। इसकी सूचना सूचना एसएमएस द्वारा परियोजना निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, महात्मा गांधी नरेगा के मोबाईल नम्बर 9413385060 पर विकास अधिकारी सह कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रेषित की जावेगी।

 

यह भी उल्लेखनीय है कि इस प्रथम राज्य स्तरीय निरीक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्यतः नरेगा कार्यस्थल पर जाकर कार्यस्थल प्रबन्धन व गुणवत्ता में सुधार लाना है न कि कमियां निकालकर कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही करना। निरीक्षण अधिकारियों द्वारा मौके पर चल रही अव्यवस्थाओं को चिन्हित कर सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिये जाए।

 

निरीक्षण उपरान्त पंचायत समिति स्तर के सभी अधिकारी दोपहर 1 बजे पुनः पंचायत समिति मुख्यालय पर एकत्रित होंगे। जहां प्रत्येक निरीक्षणकर्ता द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन संलग्न प्रारूप में प्रस्तुत किया जायेगा एवं पाई गयी स्थिति पर चर्चा की जाकर सुधारात्मक कदम चिन्हित किये जायेगे एवं 19 जून को ही अपेक्षित सुधारात्मक कार्यवाही एवं लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों को नोटिस आदि की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य नरेगा योजनान्तर्गत जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले जमीनी स्तर के कार्मिक यथा कनिष्ठ तकनीकी सहायक, कनिष्ठ सहायक, ग्राम सेवक, ग्राम रोजगार सहायक, मेट तथा श्रमिकों को प्रति सजग करना हैं। 

 

उन्होंने बताया कि कार्यों की मजबूत मॉनिटरिंग उच्चाधिकारियों, जिला स्तर एवं विभागीय अधिकारियों तक होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के कार्यों की तुलना में मनरेगा टास्क 25 प्रतिशत कम है। कार्य 4-5 घंटे में सुबह 6 से 11 बजे तक पूरा किया जा सकता है। गर्मी के मौसम में श्रमिक 11 बजे तक टास्क पूरा कर घर जा सकते है। इसके लिए मैट, सरपंच, जेटीए एवं मजदूरों को प्रेरित करने की जरूरत है ताकि मजदूरी दर अपने आप बेहतर हो सकेगी। उन्होंने बताया कि महिला सशक्किरण के लिए अधिक से अधिक महिला मैट लगायें। नरेगा कार्यों को अपना कार्य समझकर करना होगा।

 

उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नरेगा कार्यों पर सभी श्रमिक प्रातः 6 बजे उपस्थित हो एवं भीषण गर्मी को देखते हुए उन्हे यथा संभव प्रातः 11 बजे तक टास्क पूर्ण करने के लिए प्रेरित किया जावे जिससे उनको पूरी मजदूरी मिल सके साथ ही गांवो का विकास भी हो। यह संदेश मेट एवं श्रमिक स्तर तक पहुंचाने के लिए 19 जून को पूरे राज्य में एक साथ सभी प्रगतिरत कार्योें का निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण कराने का निर्णय लिया गया हैंं। उन्होंने सभी श्रमिकों को प्रातः 6 बजे कार्यस्थल पर उपस्थित हो, कार्यस्थल पर समय पर न आने पर समझाईस की जाये। मेट द्वारा प्रत्येक श्रमिक को लेआउट देकर नियोजित किया जायेे एवं यह बताया जाये कि उन्हे कितना कार्य पूर्ण करना है जिससे उन्हे पूरी मजदूरी 220 रुपये मिल सके ताकि कार्य से गांवो के लिए कई उपयोगी सम्पत्तियों का सृजन हो सके। अधिकारियों एवं कार्मिकों से कहा कि विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के सम्बन्ध में सुरक्षा उपाय जैसे सोशल डिस्टेन्स, मास्क का उपयोग, कार्यस्थल पर चार बार साबुन, सेनेटाईजर से हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।

 

आयुक्त महानरेगा किशन ने बताया कि दिये गए प्रारूप में पंचायत समितियों से प्राप्त सूचनाओं का संकलन एवं जिला स्तर से करवाये गये निरीक्षणों की रिपोर्ट कार्यालय आयुक्त, ईजीएस को जरिये ई-मेल 19 जून को ही को सांय 6.00 बजे तक अनिवार्य रूप भिजवाना सुनिश्चित करायें।


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