जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना के प्रति आमजन में जागरूकता के लिए 21 से 30 जून तक चलने वाले प्रदेशव्यापी विशेष अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर एक्टिव सर्विलांस करेंगी और लोगों को कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जागरूक करेंगी।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि पड़ौसी राज्य हरियाणा, पंजाब, दिल्ली जहां कोरोना का प्रसार ज्यादा है और जांचों की संख्या कम है। इन राज्यों के लिए 5 हजार जांचें प्रतिदिन राजस्थान में करने का फैसला मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 2 मार्च तक प्रदेश में कोरोना जांच की सुविधा तक नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज विभाग ने 25 हजार 250 जांच प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है और आने वाले दिनों में यह लक्ष्य 40 हजार तक पहुंच जाएगा।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 13-14 हजार जांचें प्रतिदिन हो रही हैं। प्रदेश के 17 जिलों में जांच सुविधा विकसित कर ली गई है। जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों में भी कोरोना संबंधी जांच होने लगेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश में भी पॉजिटिव केसेज की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है लेकिन प्रदेश में पॉजिटिव से नेगेटिव होने की तादात भी 75 फीसद से ज्यादा है। कोरोना रिकवरी में राजस्थान देश भर में नंबर-1 पायदान पर है। प्रदेश में कोरोना से पीड़ित 28 दिनों में दोगुने हो रहे हैं। यही नहीं प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर भी 2.28 प्रतिशत ही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ लोग लापरवाही कर सरकार द्वारा आमजन को मास्क लगाने, भीड़ में ना जाने, बार-बार साबुन से हाथ धोने, दो गज की दूरी रखने की अपील की उपेक्षा कर लापरवाही बरत रहे हैं। ऎसी लापरवाही स्वयं और राज्य के लिए खतरा बन सकती है। कोरोना से जुड़ सावधानी रखना आमजन के लिए जरूरी है। एक व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। उन्होंने ‘सावधानी हटी-दुर्घटना घटी‘ की सोच को जीवनशैली में उतारने का आव्हान किया।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के पीरियड का राजस्थान ने सदुपयोग किया यही वजह रही है कि राज्य किसी भी आपातकाल का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग और प्लानिंग का ही नतीजा रहा कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि आने वाले दो सालों में विधायक कोष के फंड से स्थानीय चिकित्सा संस्थानों को सृमद्ध करने का मुख्यंमत्री का फैसला भी प्रदेश के चिकित्सा व्यवस्था को मजबूती देने का काम करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने संस्थागत या होम क्वारंटीन से लेकर आइसोलेशन वार्ड, डेडिकेटेड अस्पताल, कोविड केयर सेंटर सहित कर पहलू पर काम कर कोरोना से बचाया है। उन्होंने कहा कि एक समय प्रदेश में 7.25 लाख लोग होम क्वारंटीन और 34 हजार लोग इंस्टीट्यूशनल क्वांरटीन में थे वहीं अब केवल 1.25 लाख लोग होम क्वारंटीन में और करीब 4 हजार लोग इंस्टीट्यूशनल क्वांरटीन में हैं।
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