सत्ताधारी दलों की चालबाजी से बड़ा वर्ग राजनैतिक सहभागिता- विकास से वंचित
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गिरधारी तंवर ने रखे विचार
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी की जयपुर और प्रदेश में हुई शुरुआत...
जयपुर। राष्ट्र में समस्त लोक जीवन की सहभागिता आवश्यक होती है। हमारे संविधान में भी इस बात की उपेक्षा की गई है। आजादी के 75 वर्ष के बाद भी आज तक शासन व्यवस्था में लोक सहभागिता का अभाव है। यह कहना था लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गिरधारी तंवर का।
पिंक सिटी प्रेस क्लब जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा आजादी के बाद जो पार्टी सत्ता में रही उन्होंने अपने राजनैतिक हितों का ही संरक्षण किया है। पिछड़े व वंचित वर्ग को राजनैतिक सहभागिता और आर्थिक विकास आदि से वंचित रखा गया। जबकि भारतीय संविधान में हर वर्ग को अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से संविधान का निर्माण किया गया है। उन्होंने यह विचार लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी की शुरुआत का।
उन्होंने इस मौके पर मीडिया और शहरवासियों से कहा, दुर्भाग्य से आज की सत्ताधारी राजनैतिक दलों की चालबाजी से समाज व देश का बहुत बड़ा वर्ग राजनैतिक सहभागिता और विकास में सहभागिता से वंचित है।
प्रदेश अध्यक्ष गिरधारी तंवर ने बताया कि लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी देश में एक सशक्त लोकतंत्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। अतः हमारी पार्टी समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से पिछड़े वंचितों को शासन व्यवस्था में व अन्य सामाजिक व्यवस्थाओं में वांछित प्रतिनिधित्व की हिमायती है। उपरोक्त लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग पार्टी के गठन के समय से ही करती आई है। विशेषतौर पर पार्टी का नेरेटिव जिसकी जितनी संख्या भारी उनकी उतनी हिस्सेदारी हैं। आज तो इस नेरेटिव का अनुसरण अन्य पार्टियां भी कर रही हैं। देश में कांग्रेस पार्टी व अन्य क्षेत्रिय पार्टियां इस नारे का अनुसरण करते हुए अपने राजनैतिक एजेण्डा में नारे को जोड़ रही है। लेकिन लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का तो जन्म ही समाज के वंचित वर्गों के वांछित हिस्सेदारी के लिए हुआ है।
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी राष्ट्रहित में निम्न मुद्दों पर सक्रिय हैं-
-100 प्रतिशत आरक्षण पार्टी का नेरेटिव है, जिनकी जितनी संख्या, उनकी उतनी हिस्सेदारी प्रमुख मुद्दा है।
-एक परिवार एक रोजगार हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार आवश्यक रूप से रोजगार उपलब्ध जैसे नीति अपनाई है।
-मनरेगा में किसान व मजदूर को जोडना और मजदूरों को श्रम का भुगतान में किसान व मनरेगा द्वारा संयुक्त रूप से कराया जाए।
- ग्रामीण क्षेत्र के कृषि कार्य में मजदूरों के अभाव को दूर किया जाएगा। किसान को कृषि कार्य में कृषि उत्पाद के लागत में राहत दी जाएगी।
-नौकरी के मिलने तक 10,000 रुपए महीना रोजगारी भत्ता दिया जाएगा
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