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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

जियो इम्पैक्ट : 4 साल में करीब 40 गुना कम हुई डेटा की कीमतें

• डेटा खपत: 155 वें से पहले नंबर पर पहुंचा देश
• ग्रामीण भारत में डेटा सब्सक्राइबर्स का नंबर दोगुने से अधिक  
• 4 साल में करीब 40 करोड़ ग्राहक जुड़े 
• ग्राहक, मार्किट शेयर और रेवेन्यू में कंपनी बनी नंबर वन 


नई दिल्ली। चार साल पहले जब रिलायंस जियो ने दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखा था तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह कंपनी कुछ ही सालों में इस सेक्टर की तस्वीर बदल कर रख देगी। 2016 में 1जीबी डेटा 185 से 200 रू जीबी तक मिलता था। आज  रिलायंस जियो के पॉपुलर प्लान्स के मुताबिक ग्राहक के लिए प्रतिजीबी डेटा की कीमत करीब 5 रू बैठती है। डेटा की किफायती कीमतों की वजह से डेटा खपत में भी भारी उछाल आया है। जियो के जन्म से पहले जहां डेटा खपत मात्र 0.24जीबी प्रति ग्राहक प्रति माह थी, वहीं आज यह कई गुना बढ़कर 10.4 जीबी  हो गई है। 


कोरोना काल में किफायती डेटा का महत्व खुल कर सबके सामने आया। ‘वर्क फ्रॉम होम’ हो या बच्चों की ऑनलाइन क्लास, रोजमर्रा का सामान मंगाना हो या ऑनलाइन डॉक्टर के साथ अपाइंटमेंट, सब का सब तभी संभव हो सका जब डेटा की कीमते हमारी जेब पर भारी नही पड़ी। यह जियो का ही इम्पैक्ट है कि डेटा की कीमते ग्राहकों की पहुंच में हैं। रिलायंस जियो इसे डेटा क्रांति कहती रही है। 


2016 में रिलायंस की सालाना आमसभा में जब मुकेश अंबानी बोलने खड़े हुए तो देश डेटा खपत के मामले में 155 वें स्थान पर था। आज 4 साल बाद रिलायंस जियो की डेटा क्रांति की बदौलत देश दुनिया में डेटा खपत के मामले में नंबर वन है। ट्राई के मुताबिक अमेरीका और चीन मिलकर जितना मोबाइल 4जी डेटा खपत करते हैं उनसे ज्याद अकेले भारत के लोग डेटा का इस्तेमाल करते है। देश का 60 फीसदी से ज्यादा डेटा जियो नेटवर्क पर इस्तेमाल होता है। 


जियोफाइबर के नए प्लान्स के साथ रिलायंस जियो ने एक बार फिर बाजार में हलचल मचा दी है। पहली बार कोई कंपनी ट्रू अनलिमिटेड डेटा खपत वाला प्लान लाई है। मतलब प्लान के साथ कनेक्शन की स्पीड ही कम या ज्यादा होगी। ग्राहक जितना चाहे उतना डेटा इस्तेमाल कर सकता है। यह प्लान देश में डेटा खपत को नए सिरे से परिभाषित करेगा।   


रिलायंस जियो ने आते ही कई नए प्रयोग किए। इसमें मुफ्त वॉयस कॉलिंग और किफायती डेटा तो था ही, साथ ही 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले और ग्रामीण भारत के लिए कंपनी बेहद सस्ते दामों पर 4जी जियोफोन ले कर आई। आज कंपनी के पास 10 करोड़ से अधिक जियोफोन उपभोक्ता है। जियोफोन आने के बाद गांवों में डेटा सब्सक्राइबर नंबर काफी बढ़ गया। 2016 में जहां गांवों में 12 करोड़ के करीब ग्राहक डेटा इस्तेमाल कर रहे थे। वहीं आज 28 करोड़ लोग इंटरनेट डेटा का उपयोग कर रहे हैं।  


सेक्टर की दिग्गज कंपनियों को रिलायंस जियो ने हर क्षेत्र में पटकनी दी। आज कंपनी उपभोक्ताओं, मार्किट शेयर और रेवेन्यू  के मामले में नंबर वन है। कंपनी ने अपने नेटवर्क से ग्राहकों को जोड़ने में भी रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले 4 सालों में जियो से करीब 40 करोड़ से अधिक उपभोक्ता जुड़े हैं।


‘डेटा इज न्यू ऑयल’ रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी की यह टिप्पणी सच साबित हुई। कोरोना काल में रिलायंस जियो में दुनिया की तमाम बड़ी टेक्नॉलोजी कंपनियों ने निवेश किया। फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियों के साथ साथ इंटेल और क्वालकॉम ने भी रिलायंस जियो के साथ साझेदारी की। टेक्नॉलोजी सेक्टर में 1.5 लाख करोड़ से अधिक का निवेश देश में पहली बार आया है।


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