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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

जियो इम्पैक्ट : 4 साल में करीब 40 गुना कम हुई डेटा की कीमतें

• डेटा खपत: 155 वें से पहले नंबर पर पहुंचा देश
• ग्रामीण भारत में डेटा सब्सक्राइबर्स का नंबर दोगुने से अधिक  
• 4 साल में करीब 40 करोड़ ग्राहक जुड़े 
• ग्राहक, मार्किट शेयर और रेवेन्यू में कंपनी बनी नंबर वन 


नई दिल्ली। चार साल पहले जब रिलायंस जियो ने दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखा था तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह कंपनी कुछ ही सालों में इस सेक्टर की तस्वीर बदल कर रख देगी। 2016 में 1जीबी डेटा 185 से 200 रू जीबी तक मिलता था। आज  रिलायंस जियो के पॉपुलर प्लान्स के मुताबिक ग्राहक के लिए प्रतिजीबी डेटा की कीमत करीब 5 रू बैठती है। डेटा की किफायती कीमतों की वजह से डेटा खपत में भी भारी उछाल आया है। जियो के जन्म से पहले जहां डेटा खपत मात्र 0.24जीबी प्रति ग्राहक प्रति माह थी, वहीं आज यह कई गुना बढ़कर 10.4 जीबी  हो गई है। 


कोरोना काल में किफायती डेटा का महत्व खुल कर सबके सामने आया। ‘वर्क फ्रॉम होम’ हो या बच्चों की ऑनलाइन क्लास, रोजमर्रा का सामान मंगाना हो या ऑनलाइन डॉक्टर के साथ अपाइंटमेंट, सब का सब तभी संभव हो सका जब डेटा की कीमते हमारी जेब पर भारी नही पड़ी। यह जियो का ही इम्पैक्ट है कि डेटा की कीमते ग्राहकों की पहुंच में हैं। रिलायंस जियो इसे डेटा क्रांति कहती रही है। 


2016 में रिलायंस की सालाना आमसभा में जब मुकेश अंबानी बोलने खड़े हुए तो देश डेटा खपत के मामले में 155 वें स्थान पर था। आज 4 साल बाद रिलायंस जियो की डेटा क्रांति की बदौलत देश दुनिया में डेटा खपत के मामले में नंबर वन है। ट्राई के मुताबिक अमेरीका और चीन मिलकर जितना मोबाइल 4जी डेटा खपत करते हैं उनसे ज्याद अकेले भारत के लोग डेटा का इस्तेमाल करते है। देश का 60 फीसदी से ज्यादा डेटा जियो नेटवर्क पर इस्तेमाल होता है। 


जियोफाइबर के नए प्लान्स के साथ रिलायंस जियो ने एक बार फिर बाजार में हलचल मचा दी है। पहली बार कोई कंपनी ट्रू अनलिमिटेड डेटा खपत वाला प्लान लाई है। मतलब प्लान के साथ कनेक्शन की स्पीड ही कम या ज्यादा होगी। ग्राहक जितना चाहे उतना डेटा इस्तेमाल कर सकता है। यह प्लान देश में डेटा खपत को नए सिरे से परिभाषित करेगा।   


रिलायंस जियो ने आते ही कई नए प्रयोग किए। इसमें मुफ्त वॉयस कॉलिंग और किफायती डेटा तो था ही, साथ ही 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले और ग्रामीण भारत के लिए कंपनी बेहद सस्ते दामों पर 4जी जियोफोन ले कर आई। आज कंपनी के पास 10 करोड़ से अधिक जियोफोन उपभोक्ता है। जियोफोन आने के बाद गांवों में डेटा सब्सक्राइबर नंबर काफी बढ़ गया। 2016 में जहां गांवों में 12 करोड़ के करीब ग्राहक डेटा इस्तेमाल कर रहे थे। वहीं आज 28 करोड़ लोग इंटरनेट डेटा का उपयोग कर रहे हैं।  


सेक्टर की दिग्गज कंपनियों को रिलायंस जियो ने हर क्षेत्र में पटकनी दी। आज कंपनी उपभोक्ताओं, मार्किट शेयर और रेवेन्यू  के मामले में नंबर वन है। कंपनी ने अपने नेटवर्क से ग्राहकों को जोड़ने में भी रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले 4 सालों में जियो से करीब 40 करोड़ से अधिक उपभोक्ता जुड़े हैं।


‘डेटा इज न्यू ऑयल’ रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी की यह टिप्पणी सच साबित हुई। कोरोना काल में रिलायंस जियो में दुनिया की तमाम बड़ी टेक्नॉलोजी कंपनियों ने निवेश किया। फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियों के साथ साथ इंटेल और क्वालकॉम ने भी रिलायंस जियो के साथ साझेदारी की। टेक्नॉलोजी सेक्टर में 1.5 लाख करोड़ से अधिक का निवेश देश में पहली बार आया है।


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