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नेट-थियेट पर गीत-ग़ज़ल की सांझ, "दुनिया जिसे कहती है जादू का खिलौना है"

वो एक नजर में मुझे पहचान गई...


जयपुर। नेट-थियेट पर जानेमाने गजल गायक राजेन्द्र जडेजा ने जब अपनी सुरमयी जादूई आवाज से नूरजहॉं सारस्वत की लिखी गजल "वो एक नजर में मुझे पहचान गई" गाई तो माहौल को खुशनुमां बना दिया। इनके साथ रेखा परिहार की सुरीली आवाज ने गीत गजल को परवान चढाया। 

नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि जडेजा ने शायर नक्सयालपुरी की गजल "नैना तोसे लागे सारी रैना जागे", नसीम अख्तर की गजल *ये तो किसी पे भरोसा नही किया* में रेखा ने अपनी गायकी की सुंदर प्रस्तुति दी। इसके बाद दोनों कलाकारों ने "आये दिन जो हो सके तो लुफत गम उठा ले" शमीम जयपुरी की गजल एव "गम मेरे जो मुस्कुराए हैं" शायर कुमार बाराबंकी की गजल को इतनी मधुर आवाज में पेश किया कि श्रोता वाह-वाह कर उठे। अंत में राजेंद्र जडेजा और रेखा परिहार ने "दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है" गा कर सांझ को सुरमई बनाया l

कार्यक्रम का संचालन लोकप्रिय शायर लोकेश कुमार साहिल ने अपनी लिखी नज्मों के साथ किया। इनके साथ तबले पर राजस्थान के जाने-माने तबला नवाज दिनेश खींची और बिलाल हुसैन ने गिटार पर शानदार संगत करते हुये कार्यक्रम को उंचाईया प्रदान की। 

प्रकाश मनोज स्वामी व अंकित जांगिड, मंच सज्जा जितेन्द्र शर्मा घृति शर्मा व अंकित शर्मा नोनू की रही तथा संगीत विष्णू कुमार जांगिड का रहा।

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