स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
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जयपुर। ज्योति कला संस्थान, जयपुर द्वारा सामाजिक सिंधी नाटक रिश्ता आहिन, रिश्तन जो छा सशक्त प्रस्तुति ने लोगों को झकझोर दिया। प्रसिद्ध सिंधी नाट्य निर्देशक सुरेश सिंधू की नाट्य परिकल्पना एवं कलाकारों की भावपूर्ण अभिनय अभिव्यक्ति ने लेखक वी. पी. चॉद के पात्रों को जीवंत कर दिया।
नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू बताया कि सामाजिक सरोकार पर आधारित इस नाटक में समाज में टूटते रिश्तों की डोर पर गंभीर प्रश्न उठायें । कहानी में एक बेटा पढ-लिखकर विलायत चले जाता है और वहीं अपना परिवार बसा लेता है। ऐसे में उसके बूढे मॉ-बाप उससे मिलने को तरस जाते हैं और छोटी-बडी परेशानियां एवं अपनी बीमारियों झूझते हुए याद करतें हैं। बेटा जब वापस आता है तो वो अपनी मॉ से कहता है इतना पैसा भेजता हॅू ऐश से रहो तब मॉ कहती है पेसों की नही मुझे बेटे की जरूरत है।
नाटक में विक्टर मोटवानी, नन्दिनी पंजवानी ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों पर अमिट छाप छोडी। देव सागर, हर्षा पंजाबी और मनोज आडवानी ने अपने अभिनय का लौहा मनवाया। मंच संचालन पूजा चॉंदवानी ने किया।
नाटक में मनोज स्वामी की प्रकाश परिकल्पना नाट्यनुरूप रही, लाइव कैमरा जितेन्द्र शर्मा संगीत संचालन अनिल मारवाड़ी व मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू, ध्रति शर्मा, अजय शर्मा, सौरभ कुमावत, विष्णु जांगिड व अंकित जांगिड का रहा।
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