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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

क्रांतिकारी केसर सिंह बारेठ के बलिदान को दर्शाया

नेट थिएट पर बलिदान का सशक्त मंचन...


जयपुर। राजस्थान के क्रांतिकारी केसरी सिंह बारेठ  के जीवन दर्शन और उनके स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को जयपुर के 18 कलाकारों ने नाटक बलिदान मैं अपने सशक्त अभिनय से जीवंत कर दिया।

नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया की इस नाटक को वरिष्ठ रंगकर्मी एवं पूर्व संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष अर्जुन देव चारण ने लिखा और इसका निर्देशन अभिषेक मुद्गल द्वारा किया गया l नाटक बलिदान में बताया गया कि केसरी सिंह बारहठ एक स्वतंत्र सेनानी एक कवि थे जिन्होंने किस प्रकार देश की आजादी के लिए अपने छोटे भाई जोरावर सिंह बेटे प्रताप सिंह और जमाई ईश्वरदास ओसियां को आजादी की लड़ाई में उसने आगे आगे कर अपने पूरे परिवार को ही आजादी की लड़ाई में बलिदान कर दिया। 


क्रांतिकारी  बारेठ ने अपनी कविता के दम पर उदयपुर के महाराणा फतेह सिंह को अंग्रेजों के दरबार में जाने से रोका नाटक के लेखक ने इसमें यह दर्शाया है कि लोग अंग्रेज वायसराय लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाने वाले रासबिहारी बोस को तो याद करते हैं लेकिन जिन्होंने इस में बलिदान दिया उन्हें याद नहीं करते और यह नाटक न केवल बलिदान की ही बात करता है बल्कि आज के सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था की विसंगतियों पर भी प्रहार करता है।

नाटक के विभिन्न पात्रों में नवीन शर्मा, निपुण माथुर, गिरीश यादव, गरिमा सिंह राजावत, सारिका राठौर, प्रांजल उपाध्याय, स्मृति भारद्वाज, सुधांशु शुक्ला, साहिल तेजवानी, अंकित शर्मा, अद्विक शर्मा, खालिद खान, जय भोजवानी, मनीष बुनकर, राहुल चौधरी, निखिल जैन एवं दिनकर सारस्वत ने अपने सशक्त अभिनय से इस नाटक को जीवंत किया।

नाटक बलिदान में मोहित कुमार मेहता और अमित चौधरी ने गायन मोहित कुमार मेहता हारमोनियम पर रमन आचार्य बांसुरी एवं ढपली सहायक संगीत निर्देशक जितेंद्र शर्मा ने अपनी संगत से देशभक्ति पूर्ण गीतों को अपनी ओजस्वी वाणी से साकार किया। मंच सज्जा गिरीश यादव, गरिमा सिंह राजावत एवं मारवाड़ी भाषा का प्रशिक्षण दिया आशीष चारण ने।



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