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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

अस्थि विसर्जन पर रोडवेज ने लगाए ब्रेक ! हरिद्वार जाने वाली बसों की संख्या बढ़ाने की बजाए बंद की

हरीश गुप्ता 
जयपुर। कोरोना काल में हुए लाॅक डाउन के दौरान 'ऊपर वाले' के पास जाने वालों की अस्थियां अभी मोक्ष का इंतजार कर रही है। सरकार की ओर से शुरू की गई इस निशुल्क बस सेवा पर राजस्थान रोडवेज ने 1 जून से ब्रेक लगा दिए।


गौरतलब है लॉक डाउन में जब सब कुछ बंद हो गया था तो सबसे बड़ी परेशानी अस्थियां विसर्जन की आने लगी। श्मशान में अस्थियां रखने की जगह कम पड़ने लग गई थी। बाद में प्रदेश की सरकार के मुखिया ने आम जन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 25 मई से 'मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा' शुरू की थी। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होता था।


जानकारी के मुताबिक समूचे प्रदेश से लोग अस्थियां लेकर हरिद्वार जा रहे थे। अभी तक 7000 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं करीब 13 सौ कलश विसर्जित भी हो चुके हैं। इसमें एक कलश के साथ दो जनों के जाने का प्रावधान था। इस तरह है एक बस में 30 जने जा सकते थे।


सूत्रों ने बताया कि 1 जून से रोडवेज ने मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा पर जाने वाले और अस्थियों दोनों को तगड़ा झटका दे दिया। रोडवेज ने अचानक ही रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए। जिनके रजिस्ट्रेशन पूर्व में हो चुके हैं वे अस्थियां तो मोक्ष को प्राप्त हो रही है, लेकिन बाकी बची अभी श्मशान घाट की अलमारियों में अपनी बारी का इंतजार कर रही है।


आखिर रजिस्ट्रेशन क्यों और कैसे बंद कर दिए इस बात के लिए रोडवेज का कोई अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं। इतना अवश्य है कि रजिस्ट्रेशन बंद हो गए हैं। वैसे भी इसका प्रमाण खुद रोडवेज की वेबसाइट देखने से सामने आ जाएगा। 


रोडवेज के अधिकारी यह समझने को तैयार नहीं कि 'ऊपर' जाने वाला अस्थि कलश मोक्ष के रुपए भी छोड़ कर गया हो तो लाॅक डाउन में सब खोखला हो गया। अब सरकार को देखना चाहिए आखिर ऐसा किसने और किसके कहने से किया।


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