विशेष ट्रेनों से श्रमिकों का आवागमन शुरू, अब तक 11.56 लाख ने कराया रजिस्ट्रेशन


जयपुर। राज्य सरकार के पास शुक्रवार रात तक 11 लाख 56 हजार प्रवासियों एवं श्रमिकों ने अंतरराज्यीय आवागमन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। 


अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग एवं प्रवासी श्रमिक समस्या समाधान समिति के अध्यक्ष डॉ.सुबोध अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार से विशेष ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो गया है।  शुक्रवार को कोटा से एक ट्रेन 1200 विद्यार्थियों को लेकर रांची (झारखंड) तथा दूसरी ट्रेन जयपुर से नागौर में फंसे 1200 श्रमिकों को लेकर पटना (बिहार) रवाना होनी है। शनिवार से निरंतर 5 विशेष ट्रेनें संचालित की जाएंगी। 


डॉ.अग्रवाल ने बताया कि परिवहन के अन्य साधनों का उपयोग कर राज्य से अब तक करीब 38 हजार से अधिक श्रमिकों एवं प्रवासियों को दूसरे राज्यों में भिजवाया जा चुका है। इनमें से 27 हजार श्रमिक मध्यप्रदेश, 6197 श्रमिक पंजाब, 2386 प्रवासी हरियाणा, 977 श्रमिक गुजरात तथा शेष अन्य राज्यों में भेजे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों से करीब 20 हजार श्रमिकों को यहां लाया गया है। इनमें से गुजरात के विभिन्न जिलों से 13 हजार 547 प्रवासी श्रमिक एवं प्रवासी आए हैं। साथ ही मध्यप्रदेश से 4166, पंजाब से 424 लोगों का आगमन हुआ है। हरियाणा से 634 तथा अन्य राज्यों से भी श्रमिक प्रदेश में आए हैं। 


डॉ.अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 6911 श्रमिकों के आवागमन के लिए सहमति प्रदान कर दी गई है। इन श्रमिकों का आवागमन शुक्रवार रात्रि से प्रारंभ होकर 3 मई तक पूर्ण हो जाएगा। उत्तराखण्ड के 360 श्रमिकों को आज शुक्रवार से भेजना शुरू कर दिया है, जो 3 मई को हरिद्वार पहुंच जाएंगे। वहां से देर रात्रि राजस्थान के 360 श्रमिकों को राजस्थान लाया जाएगा।  कोटा में पढ़ रहे विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों को विशेष बसों द्वारा उनके राज्यों में भिजवाये जाने की व्यवस्था की गई है। अब तक बस द्वारा 25,259 विद्यार्थियों को भिजवाया जा चुका है। शुक्रवार को 8 बसों द्वारा 224 विद्यार्थियों को ओडिशा भिजवाया जाना तय हुआ है। अब कोटा में बिहार, झारखंड, दिल्ली व अन्य राज्यों के लगभग 16,000 विद्यार्थी शेष रह गए हैं। 


उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अजमेर में फंसे विभिन्न राज्यों के जायरीनों को भी उनके राज्यों तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 870 जायरीनों को भेजा जा चुका है। अब अजमेर में लगभग 3000 जायरीन शेष हैं। असम से 222 प्रवासियों को लेकर 17 बसें राजस्थान पहुँच गई हैं। इन प्रवासियों को इनके गंतव्य रथल रवाना कर दिया गया है। 


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