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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

फीस जमा नहीं होने पर स्कूल नहीं काटे किसी विद्यार्थी का नाम, अभिभावकों को राहत के लिए कराएं परीक्षण - मुख्यमंत्री


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऎसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें। यदि कोई स्कूल ऎसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते हैं और उन विद्यालयों का संचालन भी प्रभावित नहीं हो।  


गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानवता के समक्ष यह ऎसा संकट है जिसका हम सभी को मिलकर सामना करना है। ऎसे वक्त में एक-दूसरे का ध्यान रखकर ही हम इस मुश्किल वक्त का मुकाबला कर सकते हैं। 


सीबीएसई के अनुरूप लेंगे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय


मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो। इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षाओं का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा। 


ग्रीष्मावकाश में मिड-डे मील का हो पारदर्शी वितरण


गहलोत ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। ऎसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
 
सभी भर्तियों में मेरिट एवं काउंसलिंग से होगी प्रथम नियुक्ति, लिपिक ग्रेड द्वितीय के अभ्यर्थियों का नए सिरे से होगा जिला आवंटन


मुख्यमंत्री ने लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश दिए। उन्होेंने कहा कि सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराएं। उसके बाद संबंधित विभाग मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर उन्हें जिला आवंटित करे। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि भविष्य में सभी भर्तियों में प्रथम नियुक्ति सभी विभागों द्वारा मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर ही दी जाए।


आरटीई की आय सीमा फिर से ढाई लाख होगी


गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाकर गरीब वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का ऎतिहासिक कदम उठाया गया था। विगत कुछ वर्षों में इस कानून की भावना के अनुरूप जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। 


उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कानून की पारदर्शिता के साथ पालना सुनिश्चित करवाई जाए। इसके लिए अभिभावकों की आय सीमा को एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रूपए किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरटीई के जरिए बच्चों को बड़े नामी निजी स्कूलों में भी पढ़ने का अवसर मिले। 


अनुपयोगी स्कूल भवनों का हो उपयोग


मुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार के समय एकीकरण के नाम पर बड़ी संख्या में स्कूल बंद कर दिए गए थे। ऎसे विद्यालयों के अनुपयोगी पड़े भवनों का उपयोग विद्यालयों को पुनः खोलने के साथ-साथ जरूरत होने पर पंचायत, उप केन्द्र तथा सामुदायिक केन्द्रों के रूप में भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण नहीं हुआ है उनके लिए भी योजना बनाकर दें ताकि राज्य सरकार विभिन्न माध्यमों से इनके भवनों का निर्माण करवाने पर कार्यवाही कर सके। 


बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का उच्च अध्ययन एवं करियर को लेकर अपना महत्व है। ऎसे में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर ही इस संबंध में निर्णय लिया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि विभाग में सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति के लिए नियमों में संशोधन कर इसे तर्कसंगत बनाया जा रहा है। साथ ही वरिष्ठ अध्यापक के चयनितों को जल्द नियुक्ति देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि गरीब परिवारों के बच्चों को आरटीई के तहत पारदर्शी तरीके से प्रवेश दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।


उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षाओं को लेकर उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से 31 मई तक महाविद्यालयों में ग्रीष्मावकाश घोषित किया गया है। ताकि नया सत्र एक जून से प्रारंभ किया जा सके। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में करीब 3 लाख से अधिक विद्यार्थियों को ई-कंटेट के आधार पर शिक्षा से जोड़ा गया है। लेक्चरर्स ने वर्क फ्रॉम हॉम में रहते हुए यू-टूयब, वॉटसएप आदि माध्यमों से ई-कंटेट उपलब्ध कराया है।
 
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने पॉलीटेक्निक कॉलेजों के सिलेबस को आधुनिक शिक्षा के अनुरूप बदला गया है जिससे इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्राप्त करने में आसानी होगी। 


तकनीकी शिक्षा सचिव शुचि शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत के अनुसार उच्च शिक्षा में आनन्दम कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इससे विद्यार्थियों में सामुदायिक सेवा की भावना विकसित होगी और वे प्रोफेशनलिज्म के साथ-साथ समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझ सकेंगे।
 
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, स्कूल शिक्षा सचिव मंजू राजपाल, कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो.डीपी जारौली ने भी विचार व्यक्त किए।


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