स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन के जारी रहने तक प्रदेश के सभी स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों से तीन माह की अग्रिम फीस नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। विद्यार्थियों के हित में यह फैसला करते हुए उन्होंने कहा है कि फीस के अभाव में किसी भी छात्र का नाम नहीं काटा जाए। साथ ही, 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं वाले विद्यार्थियों को छोड़कर अन्य सभी स्कूली विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाए।
गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान स्कूलों, कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र की स्थिति और आगामी सत्र की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों और कॉलेजों में यथासम्भव ऑनलाइन लेक्चर तथा ई-लर्निंग की व्यवस्था की जाए, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में निरन्तरता बनी रहे और वे घर पर रहकर भी समय का सदुपयोग कर सकें।
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि सभी कक्षाओं की किताबें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दी गई हैं। अब विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कन्टेन्ट तैयार करने का कार्य किया जा रहा है ताकि घर पर रहकर भी बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
कॉन्फ्रेंस में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा से जुडे़ संस्थानों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश घोषित किया जा सकता है। लेकिन स्कूलों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश नहीं होगा। साथ ही, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थानों में लॉकडाउन हटने के बाद आठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं प्राथमिकता से करवाने का भी निर्णय लिया गया।
कॉन्फ्रेंस में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं के शेड्यूल के निर्धारण के लिए एक 5 सदस्यीय समिति बनाई है, जो लॉकडाउन हटने के बाद परीक्षाओं और आगामी शैक्षणिक सत्र के संचालन के बारे में सुझाव देगी। समिति में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के कुलपति तथा आयुक्त कॉलेज शिक्षा और शासन सचिव उच्च शिक्षा शामिल हैं।
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