स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
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जयपुर। आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को राजस्थान में यूथ विंग प्रेसिडेंट अनुराग बराड़ के इस्तीफे ने परेशानी में डाल दिया। अनुराग बराड़ ने पार्टी की कुनीतियों से परेशान होकर पार्टी का दामन छोड़ा। बराड़ के जाने से प्रदेश में पंजाब से लगते गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में तीसरे विकल्प के रूप में उभरती आम आदमी पार्टी को झटका लगा।
अनुराग बराड़ ने पिंक सिटी प्रेस क्लब में शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संदीप पाठक और राज्य चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा को इस्तीफा दे रहे हैं। गौरतलब है कि अनुराग बराड़ आम आदमी पार्टी का कांग्रेस नेतृत्व में गठित इंडिया गठबंधन में शामिल होने से नाराज चल रहे थे। उन्होंने इसे लेकर पार्टी स्तर पर कई बार नाराजगी भी जाहिर की। उनका मानना है कि आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस की कुनीतियों के विरोध में हुआ है। सिक्ख समाज आज भी 1984 में हुए दंगों को नहीं भूल है। सच्चा सिक्ख कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं खड़ा हो सकता। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन कर आम आदमी पार्टी की विचारधारा को आहत किया है। प्रदेश में कांग्रेस राज में महिला अत्याचार, पेपर लीक भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम स्तर पर पहुंची है।
अनुराग बराड़ ने इस्तीफे में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संदीप पाठक को संबोधित करते हुए लिखा है कि मेरा परिवार 84 से राजनीति मे सक्रिय है और सिक्ख दंगो के दंश को नही भूल पाया है। मैं आम आदमी पार्टी की अलग राजनीति से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़ा था, पार्टी ने एक सिक्ख को राजनीति में अच्छी जगह भी दी और मुझसे भी जो पार्टी के लिए बेहतर हो पाया मैंने दिल से किया भी, लेकिन इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ मैं कभी खड़ा नही हो सकता, क्योंकि सिक्खों पर 84 में हुआ कत्लेआम कभी भुलाया नहीं जा सकता। मैं निजी रूप से कांग्रेस का बहिष्कार करता रहा हूं, इसी लिए इस गठबंधन में आम आदमी पार्टी की भूमिका से मैं दुःखी हूं। अपने पद एवम प्राथमिक सदस्यता से सिक्ख भावनाओं को ध्यान में रखकर इसी समय इस्तीफा देता हूं।
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