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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

नेट-थियेट पर 20 साल बाद गूंजे चुन्नी जयपुरी के लोकगीत

ओ मारवाड़ को छेलो कलकत्ते जाकर बसग्यो...

जयपुर। नेट-थियेट के कार्यक्रमों की श्रृंखला में राजस्थान की सुप्रसिद्ध लोक-गायिका चुन्नी जयपुरी ने जब अपने अंदाज में राजस्थानी लोकगीतों पेश किया तो मधुर गायन से दर्शकों को सराबोर किया।

नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि चुन्नी जयपुरी देश-विदेश के बडे-बडे मंच पर श्रौताओं का मन मोहा है यह पहली बार था जब नेट-थियेट के लाइव मंच के माध्यम से लगभग 20 वर्ष बाद  दर्शकों से जुडी। राजस्थान में हुयी इस वेब रंगमंच की शुरूआत और इसके दो साल के सफर के बारे मे जानकर अविभूत हुयी। चुन्नी जयपुरी ने कार्यक्रम के शुरूआत महलाँ में भूल्याई म्हारी सूरमा की ड़ाबी से की। राजस्थान का लोकप्रिय लोकगीत नीम की निंबोळी म्हारे अड़अड़ जाय गीत सुनाया तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। इसके बाद जीजा साली की मस्ती मजाक को लेकर जीजाजी थारा तोलीया के हीरा मोती लटके नादान साली को मन भटके से और जीजा साली पर ही आधारित दूसरे गीत सुनतो जाजे रे जीजाजी म्हारी बातड़ली से दर्शकों को मदमस्त बना दिया। अंत में ओ मारवाड़ को छेलो कलकत्ते जाकर बसग्यो गा कर माहौल को लोकमयी बना दिया।

कार्यक्रम का संचालन आर. डी अग्रवाल ने किया। हारमोनियम पर शेरखान और ढोलक पर हनुमान सहाय की असरदार संगत ने लोकगीतों के इस कार्यक्रम में चारचॉद लगा दिये। तबला अमानत अली सूजास, हारमोनीयम शब्बिर खा सूजास, सरंगी फिरस्तस अली सूजास कैमरा जितेन्द्र शर्मा, प्रकाश मनोज स्वामी, मंच सज्जा घृति शर्मा, अंकित शर्मा नोनू और जीवितेश शर्मा संगीत विष्णु जांगिड का रहा।

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