Featured Post
जन सहभागिता के लिए ‘विलेज एक्शन प्लान‘ के काम को गति दे - अतिरिक्त मुख्य सचिव
- Get link
- Other Apps
जल जीवन मिशन की प्रगति की वीसी से समीक्षा...
पंत बुधवार को शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा स्वीकृत अन्य कायोर्ं (ओटीएमपीकृअदर दैन मेजर प्रोजेक्ट्स) की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 2500 गांवों के ही ‘एक्शन प्लान‘ तैयार हुए है, जबकि विभाग द्वारा आगामी सितम्बर माह तक सभी गांवों के ‘विलेज एक्शन प्लान‘ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, अधिकारी जेजेएम के कायोर्ं में इस पहलू पर भी पूरा ध्यान देते हुए प्रगति में सुधार लाए।
वीसी के प्रारम्भ में प्रदेश में कोविड के कारण दिवंगत हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा उनके परिजनों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। एसीएस ने कहा कि कोरोना की मौजूदा स्थिति में सभी अधिकारी पूर्ण सजगता और सर्तकता के साथ ‘कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर‘ को अपनाते हुए अपने राजकीय दायित्व का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल को देखते हुए सभी अधिकारी अपने स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें और जल भवन, रीजन एवं सर्किल स्तर सम्बंधित अधिकारी छोटी-छोटी अवधि की वीसी लेकर जेजेएम की प्रगति की सतत मॉनिटरिंग करे। इनमें स्वीकृतियों, निविदाओं एवं अन्य कामों में पिछड़ रहे रीजन एवं जिलों की समीक्षा पर फोकस हो ताकि समेकित प्रगति में सुधार दर्ज किया जा सके।
वीसी में बताया गया कि जेजेएम के कायोर्ं में सहयोग के लिए अब तक 27 जिलों में आईएसए (इम्पलीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी) का चयन लिया गया है। राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) तथा जिला स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) के गठन का कार्य इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा। एसीएस ने इन कायोर्ं को निर्धारत लक्ष्य के अनुरूप समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस समय ‘वार्षिक डाटा अपडेशन‘ की विंडो ओपन है, जहांकृजहां भी वास्तविकता में हर घर नल कनैक्शन दिए जा चुके है, लेकिन किसी कारणवश उनकी डाटा एंट्री नहीं हो पाई है तो उनकी सूचना सिस्टम पर अपडेट करना सुनिश्चित करें।
एसीएस ने वीसी में गत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएसएससी) की बैठकों में मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा स्वीकृत योजनाओं के विरूद्ध रीजन, सर्किल और जिला स्तर पर तकनीकी स्वीकृतियां और निविदाएं जारी करने और हर घर नल कनैक्शन के कायोर्ं की विस्तार से समीक्षा की। इसमें पाया गया कि एसएलएससी की गत बैठकों में मेजर प्रोजेक्ट्स के अतिरिक्त स्वीकृत 9101 कायोर्ं मंा से अब तक 4 हजार 500 कामों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 2800 कायोर्ं की निविदाएं जारी की गई है। बूंदी में 98 प्रतिशत, चुरू में 93 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 92 प्रतिशत, राजसमंद में 91 प्रतिशत तथा बारां व नागौर में 90-90 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है। इसकी तुलना में जैसलमेर में 96 प्रतिशत, श्रीगंगानगर में 83 प्रतिशत, बाड़मेर में 73 प्रतिशत और अजमेर एवं करौली में 72-72 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी करने का काम बकाया है। इसी प्रकार निविदाएं जारी करने के मामले में भी बूंदी, चुरू, राजसमंद, नागौर और भीलवाड़ा शीर्ष 5 तथा बांसवाड़ा, जैसलमेर, डूंगरपुर, पाली और अजमेर सबसे कम प्रगति वाले 5 जिलों में शामिल है। एसीएस ने कहा कि एसएलएससी में जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के विरूद्ध तकनीकी स्वीकृतियां, निविदाएं और कार्यादेश जारी करने जैसे ज्यादातर काम जिला एवं रीजन स्तर के कार्यालयों के स्तर पर ही सम्पादित किए जा सकते है, इनके लिए किसी प्रकार की फील्ड विजिट की आवश्यकता नही है, सभी सम्बंधित अधिकारी इन बकाया कायोर्ं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द ‘पेंडेंसी‘ को खत्म करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को इस माह प्रस्तावित एसएलएससी की बैठक के लिए भी अपने जिलों से बचे हुए हर घर नल कनैक्शन के कामों के ज्यादा से ज्यादा प्रस्ताव भिजवाने के भी निर्देश दिए।
वीसी में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) महेश जांगिड़ तथा जिला एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों ने शिरकत की।
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment