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सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने विधायक गोपाल शर्मा से की शिष्टाचार भेंट

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विधायक गोपाल शर्मा ने फाउंडेशन के उद्देश्यों पर प्रशंसा जाहिर कर, दिया धन्यवाद... जयपुर।  सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने जयपुर महानगर टाइम्स के संपादक और सिविल लाइंस विधानसभा विधायक गोपाल शर्मा से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर योगाचार्य मनीष ने सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के उद्देश्य एवं सेवा प्रकल्पों की जानकारी साझा करते हुए शर्मा को गंगा जली भेंट की। शिष्टाचार भेंट के समय सामाजिक कार्यकर्ता अंजली भी सम्मिलित रही। योगी ने बताया कि मान्यता है कि गंगाजल को जहां रखा जाता है वहां सभी प्रकार के संकट दूर रहते हैं इसे जहां छिड़का जाता है वहां समस्त प्रकार के नकारात्मक प्रभाव खत्म हो पवित्र एवं मंगल में उर्जा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि सबका भला हो, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो इसी भाव के साथ हमें आगे बढ़ाना है।

आरबीएसई की 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग, सीबीएसई बोर्ड भी 12 वीं की परीक्षा रद्द करें

परीक्षा की आड़ में फीस लूट रहे है स्कूल संचालक


जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने बुधवार को राज्य सरकार से आरबीएसई बोर्ड की कक्षा 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा रद्द कर छात्र - छात्राओं को प्रमोशन देने की मांग की है और सीबीएसई बोर्ड से भी 12 वीं की परीक्षा स्थगित कर 10 वीं कक्षा की तरह 12 वीं के छात्र-छात्राओं को प्रमोशन देने की मांग की है, संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि "परीक्षा की आड़ लेकर निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर दबाव बना रहे है और मनमानी फीस लूट रहे है। " 

संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 10 वीं की परीक्षा रद्द कर छात्र-छात्राओं को अलगे सत्र की तैयारी करने का पूरा अवसर दिया, ठीक उसी तरह 12 वीं कक्षा के छात्रों को भी अवसर प्रदान कर आगे के भविष्य को लेकर स्वत्रंत कर देना चाहिए, बार-बार परीक्षा की तारीख परिवर्तन से छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है जिससे चलते वह अपने बेहतर केरियर को लेकर कन्फ्यूज हो रहे है। जबकि राज्य सरकार ने 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राओं को अंधेरे में रखा हुआ है जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने परीक्षा स्थागित करने का निर्णय लेकर निजी स्कूलों को अभिभावकों पर हावी कर दिया है और जो सत्र अब तक समाप्त हो जाना चाहिए था वह दो अधिक चल रहा है। फीस को लेकर पहले ही विवाद चल रहा है जिसको लेकर ना सरकार गम्भीर है ओर ना प्रशासन गंभीर है जबकि सुप्रीम कोर्ट 3 मई को अपना अंतिम निर्णय दे चुकी है लेकिन ना उसकी पालना हो रही है ना करवाई जा रही है। 

प्रदेश लीगल सेल सदस्य खुशबू शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को छात्र-छात्राओं की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाओं को रद्द कर प्रमोट करने का निर्णय तत्काल लेना चाहिए। जिससे सभी छात्र अगले सत्र की तैयारी में जुट सके। स्थगित करने के चलते सबसे ज़्यादा खामियाजा छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ रहा है क्योंकि उनका अगला सत्र कॉलेजो से शुरू होना है जिसके एडमिशन प्रक्रिया लगभग समाप्त होने के कगार पर है जबकि अभी तक परीक्षा को लेकर सरकार कोई निर्णय नही ले पा रही है जबकि देश मे कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडराया हुआ है। 

हुआ वर्च्युअल संवाद, अभिभावक जान रहे है अपने अधिकार

प्रदेश संगठन मंत्री दौलत शर्मा ने कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ द्वारा पिछले 13 दिनों से "वर्च्युअल जन जागरूकता अभियान " जारी है, इस अभियान के तहत सम्मिलित सभी अभिभावकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट की जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही है साथ ही अभिभावकों के सवालों का जवाब देकर भी अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है। बुधवार को हुए वर्च्युअल संवाद को संघ के पदाधिकारियों ने संबोधित किया और अभिभावकों की शंकाओ के सवालों पर और किस प्रकार स्कूलों की हठधर्मिता पर कार्यवाही करनी चाहिए उनकी जानकारी दी। 

बार-बार परीक्षा स्थगित करने से हम कन्फ्यूज है, सरकार को तत्काल निर्णय लेकर परीक्षा को लेकर निर्णय लेना चाहिए, में स्वयं 12 वीं की छात्रा हु किन्तु में कब और कैसे पढ़ाई करू उसको लेकर कन्फ्यूज हु, परीक्षा कब होगी या नही होगी ऐसी स्थिति में पढ़ाई कैसे करें, आगे बढ़ने के रास्ते रुके हुए है, ना अच्छे पढ़ाई कर पा रहे है ना परिवार के साथ समय बिता पा रहे है, बार- बार परीक्षा स्थगित करने से अच्छा है परीक्षा रद्द कर दी जाए, कम से कम हमारे ऊपर जो मानसिक दबाव बना हुआ है वह तो दूर हो जाएगा, अन्यथा इसके चलते तो डेली टेंशन होने लगी है -- सोनिया राजपूत - 12 वीं की छात्रा, चुरू


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