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दलितों के बच्चों की पढ़ाई में अब नहीं दिखेगी कोई कोताही, स्कालरशिप के लिए नई गाइडलाइन तय
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नई दिल्ली। अनुसूचित जाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए फिलहाल केंद्र सरकार फिक्रमंद है। यही वजह है कि केंद्र ने एससी पोस्टमैट्रिक स्कालरशिप स्कीम की जो नई गाइडलाइन तैयार की है, उनमें शैक्षणिक संस्थानों को अब इन बच्चों को पढ़ाना ही होगा।
इस नई गाइडलाइन में वहीं शैक्षणिक संस्थान पात्र भी होंगे, जो गुणवत्ता के तय मानकों को पूरा करेंगे। जिसमें 2024 तक ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक की मान्यता हासिल करना जरूरी होगा, अन्यथा उन्हें वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी।
एससी पोस्टमैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के फंडिग पैटर्न में बड़े बदलाव के बाद केंद्र ने अब नई गाइडलाइन को भी मंजूरी दी है। जिसे सभी राज्यों को अमल के लिए भेजा गया है। इस स्कीम को जो बड़े बदलाव किए गए हैं, उनमें बच्चों को स्कूल या कालेज आना ही होगा। साल में 75 फीसद उपस्थिति जरूरी होगी। उपस्थिति आधार कार्ड पर आधारित होगी। इसे संस्थानों को समय-समय पर पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
साथ ही पढ़ाई करने वाले बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन की भी जानकारी साझा करनी होगी। यानी स्कीम के तहत कोई बच्चा स्नातक की पढ़ाई कर रहा है, तो पहले साल उसका रिजल्ट कैसा था। दूसरे साल में कुछ बेहतर हुआ या नहीं। फिलहाल इस पहल से शिक्षा मंत्रालय की सभी को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की मुहिम में भी मदद मिलेगी।
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