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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना घोषित हो राष्ट्रीय परियोजना - मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र 


 

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है। लगभग 37 हजार 247 करोड़ रूपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से राज्य के 13 जिलों में पेयजल तथा 2.8 लाख हैक्टयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

 

गहलोत ने पत्र में लिखा कि ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) नवम्बर 2017 में आवश्यक अनुमोदन के लिए केन्द्रीय जल आयोग को भेजी जा चुकी है। उन्होंने आग्रह किया कि इस योजना को जल्द से जल्द ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में 16 विभिन्न बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को यह दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसकी जल्द क्रियान्विति सुनिश्चित करना आवश्यक है। 

उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर जिलों को वर्ष 2051 तक पीने तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना से मॉनसून के दौरान कुन्नू, कुल, पार्वती, कालीसिंध एवं मेज नदियों के सब बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, गंभीर एवं पार्बती नदियों के सब बेसिन में पहुंचाया जाना है।


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