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सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने विधायक गोपाल शर्मा से की शिष्टाचार भेंट

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विधायक गोपाल शर्मा ने फाउंडेशन के उद्देश्यों पर प्रशंसा जाहिर कर, दिया धन्यवाद... जयपुर।  सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने जयपुर महानगर टाइम्स के संपादक और सिविल लाइंस विधानसभा विधायक गोपाल शर्मा से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर योगाचार्य मनीष ने सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के उद्देश्य एवं सेवा प्रकल्पों की जानकारी साझा करते हुए शर्मा को गंगा जली भेंट की। शिष्टाचार भेंट के समय सामाजिक कार्यकर्ता अंजली भी सम्मिलित रही। योगी ने बताया कि मान्यता है कि गंगाजल को जहां रखा जाता है वहां सभी प्रकार के संकट दूर रहते हैं इसे जहां छिड़का जाता है वहां समस्त प्रकार के नकारात्मक प्रभाव खत्म हो पवित्र एवं मंगल में उर्जा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि सबका भला हो, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो इसी भाव के साथ हमें आगे बढ़ाना है।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना घोषित हो राष्ट्रीय परियोजना - मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र 


 

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है। लगभग 37 हजार 247 करोड़ रूपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से राज्य के 13 जिलों में पेयजल तथा 2.8 लाख हैक्टयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

 

गहलोत ने पत्र में लिखा कि ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) नवम्बर 2017 में आवश्यक अनुमोदन के लिए केन्द्रीय जल आयोग को भेजी जा चुकी है। उन्होंने आग्रह किया कि इस योजना को जल्द से जल्द ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में 16 विभिन्न बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को यह दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसकी जल्द क्रियान्विति सुनिश्चित करना आवश्यक है। 

उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर जिलों को वर्ष 2051 तक पीने तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना से मॉनसून के दौरान कुन्नू, कुल, पार्वती, कालीसिंध एवं मेज नदियों के सब बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, गंभीर एवं पार्बती नदियों के सब बेसिन में पहुंचाया जाना है।


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