प्रदेश में करीब 10 लाख प्रवासियों एवं श्रमिकों ने अपने गृह स्थान पहुंचने के लिए कराया पंजीयन
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में करीब 10 लाख प्रवासियों एवं श्रमिकों ने अपने गृह स्थान पहुंचने के लिए पंजीयन कराया है। इनमें से करीब 70 प्रतिशत संख्या राजस्थान आने वालों की है। श्रमिकों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए जिला कलक्टर एवं अन्य अधिकारी उनके सुरक्षित आवागमन और क्वारेंटाइन सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे के साथ समन्वय कर रही है।
गहलोत ने कहा कि श्रमिकों की संख्या, उनके गंतव्य स्थान तथा विशेष टेªनों के संचालन को अनुमति मिलने की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर रेलवे के अधिकारियों के साथ रूट प्लान तैयार कर लें। ताकि बिना किसी परेशानी के श्रमिक एवं प्रवासी अपने घर पहुंच सकें। साथ ही सभी स्थानों पर उनकी स्क्रीनिंग एवं क्वारेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था हो। गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन लगाना आसान है, लेकिन उसे हटाना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में लॉकडाउन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी सुचारू करना हमारे लिए बेहद जरूरी है। अगर सभी गतिविधियां लंबे समय बंद रहीं तो आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। ऐसे में कोरोना से लड़ना और मुश्किल भरा हो जाएगा। अधिकारी ऐसे प्रयास करें कि संक्रमण का फैलाव रोकते हुए आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाया जा सके।
अनुमत श्रेणियों के लिए सरलता से जारी हों पास
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की जांच क्षमता अब 9 हजार 100 प्रतिदिन तक पहुंच गई है। पाली, बाड़मेर एवं सीकर में भी आईसीएमआर से जांच की अनुमति मिलते ही हमारी जांच क्षमता 10 हजार तक पहुंच जाएगी। अभी सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ ही झालावाड़, भीलवाड़ा, भरतपुर, डूंगरपुर, चूरू तथा जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और जोधपुर के एम्स एवं मरूस्थलीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र में जांच सुविधा उपलब्ध है।
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार से हुई वार्ता में राजस्थान के लिए विशेष ट्रेनों के संचालन पर सकारात्मक संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं के वाहनों से दूसरे राज्यों के साथ ही प्रदेश के जिलों में जाने के इच्छुक श्रमिकों एवं प्रवासियों को आसानी से पास उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए बॉर्डर पर एवं गंतव्य स्थान पर स्क्रीनिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिन लोगांे में सर्दी, खांसी एवं जुकाम (आईएलआई) के लक्षण हों, उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखा जाए। साथ ही जो लोग स्वस्थ हों उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों को 14 दिन क्वारेंटाइन में रखने की पालना सुनिश्चित की जाए। बड़ी संख्या में स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक राज्य से बाहर जा रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों की कमी नहीं रहे, इसके लिए बाहर से लौटने वाले श्रमिकों का रोजगार केन्द्रों के माध्यम से डाटा तैयार किया जाए। जिससे श्रमिकों की योग्यता एवं जरूरत के अनुसार औद्योगिक इकाइयों में उनका नियोजन संभव हो सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण में श्रमिकों के आवागमन को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल से अब तक प्रदेश में 7 हजार से अधिक उद्योगों में उत्पादन प्रारंभ हो गया है। उनके माध्यम से करीब एक लाख 30 हजार श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर मनरेगा में अधिक से अधिक संख्या में श्रमिकों को नियोजित करें ताकि उन्हें रोजगार मिल सके।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने कोविड-19 की जांच सुविधाओं के विस्तार तथा रणनीति को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि 14 जिलों में पॉजीटिविटी रेट एक प्रतिशत से कम है, जबकि राज्य का औसत 2.47 प्रतिशत है।
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