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अनूठी है आदिवासी शिल्प और संस्कृति : महापौर

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जयपुर। सी स्कीम स्थित के के स्क्वायर मॉल में "आदि बाज़ार" का विधिवत उद्घाटन जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने किया। आदि बाजार में 15 अक्टूबर तक आदिवासी शिल्प, संस्कृति और वाणिज्य की भावनाओं का उत्सव होगा। महापौर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार का उपक्रम है। ट्राइफेड का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज के कारीगरों में आजीविका पैदा करने, उनकी आय बढ़ाने तथा उनके उत्पादों का विपणन विकास के माध्यम से जनजातीय कारीगरों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। आरएसवीपी के रीजनल मैनेजर संदीप शर्मा ने बताया कि ट्राइफेड की विपणन पहल के रूप में क्षेत्रीय कार्यालय  जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयासों के तहत एक विशाल जनजातीय उत्सव "आदि बाजार” का आयोजन आठ दिनों की अवधि के लिए कर रहा है।  यह "आदि बाज़ार" मेला 30 जनजातीय स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और वन धन विकास केंद्रों द्वारा मूल्यवर्धित ऑर्गैनिक उत्पादों को बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मूल्यवान स्थान प्रदान करता है। इसम

हाईकोर्ट में केस को करें ऑनलाइन ई-फाइल


यूजर अकाउंट बनाने एवं ई-फाइलिंग प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत निर्देशिका राजस्थान उच्च न्यायालय की वेबसाइट www-hcraj-nic-in पर उपलब्ध...


जयपुर। कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एवं देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आम-जन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को अत्यावश्यक प्रकृति के मामलों को ई-मेल के द्वारा दायर करने की अनुमति दी गई थी, जिससे कि उन्हें अपने प्रकरणों को दायर करने के लिए न्यायालय के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थिति देने की आवश्यकता ना हो ।

याचिकाओं को ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से दायर करने की इस प्रक्रिया को और प्रभावी, कारगर एवं सुरक्षित बनाने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा विशेष रूप से बनाए गए सुरक्षित ऑनलाइन ई-फाइलिंग मॉड्यूल के जरिए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को फाइलिंग करने कि सुविधा की शुरूवात की गई है। इस ई-फाइलिंग मॉड्यूल ऑनलाइन याचिकाओं एवं दस्तावेजों को केस इंफॉर्मेशन सिस्टम (CIS) के माध्यम से उच्च न्यायालय के सर्वर में सेव करेगा। इस पद्धति के उपयोग से पक्षकारों को अपने प्रकरण से संबंधित नियमित जानकारियां SMS एवं ईमेल के माध्यम से प्राप्त होंगी, जिनसे कि पक्षकार समय-समय पर अपने प्रकरण में होने वाली कार्यवाही से अवगत हो पाएंगे।

संपूर्ण देश में किसी भी स्थान से उपरोक्त ई-फाइलिंग मॉड्यूल का उपयोग करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर अथवा जयपुर बेंच के समक्ष याचिकाओं एवं दस्तावेजों को प्रस्तुत करना संभव होगा। इस नवीन मॉड्यूल के द्वारा सभी प्रकृति के मामले, यथा रिट, दीवानी अथवा फौजदारी प्रकरणों को दायर किया जा सकेगा। उच्च न्यायालय के समक्ष दावा दायरी हेतु व्यक्तिशः उपस्थिति की आवश्यकता नहीं रहने से अधिवक्ता अथवा पक्षकार किसी भी समय अपने कार्यालय अथवा निवास स्थान से ही प्रकरणों को दायर कर सकेंगे । ई-फाइलिंग की सुविधा का उपयोग करने के लिए केवल मात्र इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी।

ई-फाइलिंग मॉड्यूल से संबंधित लिंक को राजस्थान उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर शुरू कर दिया गया है। प्रारंभिक चरण में अत्यावश्यक प्रकृति के मामलों को इस सुविधा का उपयोग करते हुए दायर किया जा सकेगा। सर्वप्रथम इस सुविधा का उपयोग करने के लिए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को ई-फाइलिंग मॉड्यूल पर अपने यूजर अकाउंट बनाने होंगे। यूजर अकाउंट बनाने एवं ई-फाइलिंग प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत निर्देशिका राजस्थान उच्च न्यायालय की वेबसाइट www-hcraj-nic-in पर उपलब्ध है 

अधिवक्तागण अपने बार-इनरोलमेंट, मोबाइल नंबर एवं ईमेल एड्रेस, जो कि केस इंफॉर्मेशन सिस्टम (CIS)सॉफ्टवेयर में दर्ज है का उपयोग करते हुए अपना यूजर अकाउंट बना सकते हैं । ऎसे अधिवक्तागण जो अपने CIS सॉफ्टवेयर में दर्ज मोबाइल नंबर अथवा ईमेल एड्रेस को अपडेट करवाना चाहते हैं, वे विशेष ईमेल आईडी जोधपुर हेतु advocatejodh-update@hcraj-nic-in एवं जयपुर हेतु advocatejodh-update@hcraj-nic-in पर संदेश भेज कर अपडेट करने का कार्य करवा सकते हैं ।

ई-मेल के जरिए याचिका दायर करने की सुविधा जो कि पूर्व में प्रदान की गई थी, उक्त सुविधा भी जब तक अधिवक्ता गण एवं पक्षकार अपने यूजर अकाउंट बनाकर ई-फाइलिंग शुरू ना कर दे तब-तक समानांतर जारी रखी जाएगी। न्यायालयों का सामान्य कामकाज शुरू हो जाने के पश्चात 7 दिन की अवधि के भीतर प्रकरण की हार्ड कॉपी एवं प्रकरण से संबंधित कोर्ट फीस फाइलिंग काउंटर पर जमा करवानी होगी।

शुरूआती दौर में जिस अवधि तक ई-मेल द्वारा भी फाइलिंग की समानांतर सुविधा चालू रहेगी उस अवधि में अधिवक्ताओं को यह ध्यान रखना होगा कि वे याचिका दायर करने में केवल एक प्रक्रिया यथा ई फाइलिंग मॉड्यूल अथवा ईमेल का ही उपयोग कर अपने प्रकरण दायर करें। यदि दोनों पद्धतियों का उपयोग करते हुए एक ही याचिका को दो बार दायर कर दिया जाएगा तो सिस्टम द्वारा एक ही प्रकरण में दो याचिकाएं होने के कारण सुनवाई में विलंब होने की संभावना रहेगी ।

लॉक-डाउन के पश्चात सामान्य कामकाज शुरू हो जाने पर भी ई-फाइलिंग मॉड्यूल द्वारा प्रकरण प्रस्तुत करने की सुविधा को जारी रखा जाएगा एवं भविष्य में ऑनलाइन कोर्ट फीस जमा कराने की सुविधा के साथ भी सीधे जोड़ दिया जाएगा।

ई-फाइलिंग मॉड्यूल के अंतर्गत प्रकरण की सूचनाओं को ऑटोमेटिक SMS एवं ईमेल के जरिए प्रेषित करने की सुविधा उपलब्ध होने के कारण राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं से अनुरोध किया है कि वह अपने नवीन प्रकरणों एवं पूर्व में दर्ज प्रकरणों में आवेदन प्रस्तुत करने के लिए ई फाइलिंग मॉड्यूल को ही अधिक से अधिक उपयोग में लेवे ।


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