Featured Post
नेट-थियेट पर चढ़ा भक्तिमाला का रंग
- Get link
- Other Apps
बसो मोरे नैयनन में नंदलाल...
जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज युवा गायक ब्रजेश व्यास ने अपनी सुरीली आवाज में अपने भजनों से लागों को भक्ति में लीन कर दिया।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार ब्रजेश अपने कार्यक्रम की शुरूआत "गाइये गणपती जग बंदन" से की इसके बाद बांसुरी की धुन पर पंडित आलोक भट्ट की रचना "बंसी थारी बाज रही" गा कर कृष्णमयी बना दिया। ललित गोस्वामी की रचना "झर रहे है नयन मेरे तुम इसे सावन ना समझो" और मीरा का भजन "मन मोहना मधुसूदना" प्रस्तुत किया। उन्होने कबीर का सुप्रसिद्ध भजन "मनडो लाग्यो मेरो यार फकीरी में, जो सुख चाहूं राम भजन में सो सुख नाही अमीरी में" गा कर सुप्रसिद्ध गायक स्व.मोइनुद्धीन की यादों को ताजा कर दिया।
ब्रजेश व्यास सुप्रसिद्ध संगीतकार और गायक पण्डित आलोक भट्ट के शिष्य हैं। इनके साथ तबले प्रदीप जयसवाल ने अपनी उंगलियों का जादू बिखेरा। जाकिर हुसैन की बांसुरी और कुनाल शर्मा के गिटार की संगत ने कार्यक्रम को परवान चढाया। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध उद्घोषक दुर्गादास मूलचंदानी ने किया
कैमरे पर जितेन्द्र शर्मा, मंच सज्जा देवांग सोनी, अंकित शर्मा नोनू, संगीत संयोजन तपेष शर्मा।
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment