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सनातन समस्या नहीं समाधान है - स्वामी चिदानंद सरस्वती

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जयपुर। सनातन तोड़ना या बांटना नहीं सिखाता, सनातन जोड़ना सीखना है प्रेम सिखाता है, सनातन समस्या नहीं अपितु समस्याओं का समुचित समाधान है। नियमित ध्यान करना एवं नकारात्मक बातों पर रिएक्शन नहीं करना चाहिए। यह मार्गदर्शन अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल महापुरा में सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के शुभारंभ के तहत आयोजित सनातन जयघोष में प्रदान किया।  समारोह में सम्मिलित होने ऋषिकेश से जयपुर पधारे स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं साध्वी भगवती सरस्वती का सार्वजनिक अभिनंदन जयश्री परिवार स्कूल के निदेशक आयुष परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, आयोजन स्वागत समिति के अध्यक्ष गोकुल माहेश्वरी एवं सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन के संस्थापक योगाचार्य योगी मनीष ने राधा कृष्ण भगवान की युगल छवि भेंट कर किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक बालमुकुंद आचार्य, ब्रह्माकुमारी बीके सुषमा, बीके चंद्रकला, योगाचार्य ढाका राम एवं समाजसेवी सुरेश मिश्रा आदि ने गौ पूजन, वृक्षारोपण भी किया। अतिथियों के आगमन पर सनातन जयघोष आयोजन समिति के आनंद कृष्ण कोठारी, राकेश गर्ग, मनीष मालू

श्री कृष्ण बलराम मंदिर में मनायी गयी 5159वीं गीता जयंती एवं प्रारंभ हुआ गीता कांटेस्ट

गीता जयंती श्रीमद भगवद गीता के आगमन का शुभ दिन है यह वह दिन है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को वैदिक ज्ञान का सार प्रदान किया था...


जयपुर। जगतपुरा स्थित श्री कृष्णा बलराम मंदिर में श्रीमद भगवद गीता की 5,159वीं गीता जयंती मनायी गयी, गीता जयंती श्रीमद भगवद गीता के आगमन का शुभ दिन है यह वह दिन है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को वैदिक ज्ञान का सार प्रदान किया था और उन्हें जीवन के अंतिम लक्ष्य के बारे में बताया था जिससे उन्होने महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त की थी।

मंदिर में विशेष...

गीता जयंती उत्सव  पर मंदिर में गर्भगृह को विशेष रूप से सजाया गया, एवं भव्य  श्रीमद भगवद गीता होम (यज्ञ) किया गया, साथ ही मंदिर के भक्तों द्वारा भगवद गीता के 18 अध्याय के 700 श्लोकों का सामूहिक उच्चारण किया गया एवं भगवद्गीता वितरण के लिए भक्तों ने मंदिर में चल रहे श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन में भाग लिया एवं जन जन तक भगवत गीता पहुचने  का लक्ष्य लिया।

श्रीमद भगवद गीता का आगमन...

द्वापर युग अगहन मास शुक्ल पक्ष की एकादशी पर श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से इस तिथि को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है।  महाभारत में जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध की शुरुआत हो रही थी। तब अर्जुन ने श्री कृष्ण के सामने शस्त्र रख दिए थे और कहा था कि मैं अपने ही कुल के लोगों पर प्रहार नहीं कर सकता। इसके बाद श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया और अर्जुन को मानव जीवन का महत्व बताया था। 

अध्यक्ष श्री अमितासन दास जी ने बताया श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है। गीता के 18 अध्याय और 700 गीता श्लोक में कर्म, धर्म, कर्मफल, मृत्यु आदि जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर मौजूद हैं।  यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है।

गीता जयंती पर गीता कांटेस्ट प्रारंभ...

गीता कांटेस्ट कार्यक्रम समन्वयक श्री सिद्ध स्वरूप दास ने बताया कि गीता कांटेस्ट का आयोजन हरे कृष्णा मूवमेंट एवं  कृष्ण भावनामृत सेंटर (KBC) के सहयोग से राजस्थान स्तर पर किया जाएगा। इसमें 16 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग भाग ले सकते हैं। गीता कांटेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन 5  मार्च  2023 रविवार को किया जाएगा। प्रथम पुरस्कार गीता रत्न के रूप में 25,000, द्वितीय पुरस्कार गीता भूषण के रूप में 11,000,  तृतीय पुरस्कार गीता श्री के रूप में 5100 नगद प्रदान का दिया जाएगा। इसके अलावा 50 सांत्वना पुरस्कार 1100 रू भी दिए जाएंगे। प्रत्येक प्रतिभागी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन करवाने के उपरांत विद्यार्थी को भगवद्गीता यथारूप उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

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