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स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

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जयपुर। स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार, 19 मई, 2024 को कांवटिया सर्कल पर भावपूर्ण भजन संध्या का आयोजन के साथ आमरस प्रसादी का वितरण किया गया।  कार्यक्रम में प्रतिभाशाली कलाकारों की आकाशीय आवाजें शांत वातावरण में गुंजायमान हो उठीं, जो उपस्थित लोगों के दिलों और आत्मा को छू गईं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, आईएएस राजेंद्र विजय, एडिशनल एसपी पूनमचंद विश्नोई, सुरेंद्र सिंह शेखावत, अनिल शर्मा, के.के. अवस्थी, अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण सहित सुप्यार देवी तंवर फाउंडेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तंवर, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना कंवर, मंत्री मेघना तंवर, कोषाध्यक्ष अजय सिंह तंवर एवं गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

जगतपुरा जयपुर में स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में मनाया गया गोवर्धन व अन्नकूट महोत्सव


जयपुर। जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में भव्य गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। मंदिर के वृन्दावन उद्यान में गोवर्धन पूजा महोत्सव के अवसर पर विशाल गोवेर्धन पर्वत बनाया गया एवं भव्य रूप से सजाया गया एवं छप्पन भोग लगाया गया भगवान की गोवर्धन की लीला की झांकी सजाई गई, गो पूजा के लिए मंदिर की गोशाला की गायों को सजाया,  संध्या में हरिनाम संकीर्तन के साथ दीपोत्सव एवं पालकी उत्सव मनाया गया। पौराणिक प्रथा के अनुसार विशेष अन्नकूट का भी आयोजन किया गया जहा मंदिर में आये हज़ारों भक्तो ने अन्नकूट प्रसादम लिया।


गोवर्धन की लीला...

जब भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन के निवासियों को इंद्र-यज्ञ की तैयारी करते देखा, तो उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें इंद्र की पूजा को त्याग देना चाहिए और इसके बजाय गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। इस पर, इंद्र क्रोधित हो गए और वृंदावन पर विनाशकारी वर्षा की। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाया और वृंदावन के सभी निवासियों को आश्रय दिया। 

हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर के अध्यक्ष श्री अमितासन दास ने बताया - दिवाली के त्योहार के अगले दिन गोवर्धन की पूजा की परंपरा द्वापर काल से चली आ रही है। आज यह त्यौहार पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से हुई भारी वर्षा से ब्रजवासियों को उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा कर उनकी रक्षा की थी। वही भगवान श्री कृष्ण इस कलियुग में हम सबकी रक्षा करने के लिए और हमारा उद्धार करने के लिए उनके नाम के रूप में अवतरित हुए हैं। अतः आप सभी से निवेदन है कि भगवान के पवित्र नाम हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे को प्रतिदिन कम से कम 108 बार जाप करें।जिस प्रकार दीपावली से पहले आप सभी ने घर की सफाई की उसी प्रकार ये मंत्र हमारे हृदय के अंदर की सफाई करने में हमारी सहायता करेगा।


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