स्वर्गीय श्रीमती सुप्यार कंवर की 35वीं पुण्यतिथि पर आमरस एवं भजनामृत गंगा कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhwdOA3ULSVhrMgesDNWyo-pjTtoqHT1-VGezmITKidxutzeUQkjH7yWSZsYPlf32oM96j5uOP-Hyc_3tDgJI53NNw8B5_F1R7eeoz49v5dkWg9J1ZJm9lbNiY-Ay8zxy5TuBPqXilh2DH4f04DS_Fy87htjFdanrBJUkdJykHJ4a1Xvq2BTJ7fx0Ibo48/w640-h480/IMG-20240520-WA0004.jpg)
जयपुर। सबक के मंच पर जन्मांध युवा गायिका आकांशा जांगिड़ ने राग पुरिया धनाश्री के छोटे ख्याल पायलिया झंकार व मीरा के भजन "तुम बिन कोन मोरी" से सुरीली शुरुआत कर अपनी गायन प्रतिभा दर्शाई। तबले पर गुलाम फ़रीद ने संगत की।
कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति वरिष्ठ सितार वादक प. हरिहर शरण भटट के सितार वादन से हुई। पंडित जी ने राग मारवा में बिलम्बित गत व छोटे खयाल में सितार की अनेक सूंदर ताने, गमक, तिहाई व लयकारी से अपनी उंगलियों का जादू चलाया । कार्यक्रम के अंत मे राग भैरवी में गायकी अंग से वादन कर दर्शकों से दाद पाई। तबले पर प. मेहन्द्र शंकर डांगी ने शानदार संगत कर से कार्यक्रम को परवान चढ़ाया।
मौका था गुलज़ार वायलिन अकादमी के सबक के शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम का, ध्रूव स्कूल के स्मृति सभागार में बैठे दर्शक और ऑनलाइन दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों की हौसला अफजाई की। इस अवसर पर सबक द्वारा दिए जाने वाली उपाधि में सुर सिंगार रत्न उपाधि प. हरीहर शरण भटट साहिब को व आकांशा जांगिड़ को उदयीमान साधिका उपाधि से सम्मानित किया गया साथ ही कृष्णा म्यूजिक सेंटर दीपक शर्मा की तरफ से आकांशा को हारमोनियम भेंट स्वरूप दिया गया।
कार्यक्रम के समापन पर गुलज़ार हुसैन व सबक़ परिवार व ध्रुव स्कूल के सभी सदस्यों ने कलाकारों का आभार व्यक्त किया सबक सीरीज हर महीने आयोजित की जाती है जिसमें युवा कलाकारों के साथ वरिष्ठ कलाकारों को सबक़ के मंच पर आमंत्रित किया जाता है।
Comments
Post a Comment